आस्था, भक्ति और श्रद्धा के महासागर में डूबी हुई 38 दिवसीय Amarnath Yatra 2025  की आज पवित्र शुरुआत हो गई। बर्फ से ढकी हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित भगवान शिव की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु पहुंचे, जहां पहले जत्थे ने ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन किए और प्रात:कालीन आरती में भाग लिया।

गुफा के अंदर शिव के प्रतीक स्वरूप प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के दर्शन के साथ भक्तों ने भगवान शिव से आशीर्वाद लिया और देश में शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना की।

अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ: आरती में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

गुरुवार सुबह जैसे ही सूरज की पहली किरणें हिमालय की चोटियों पर पड़ीं, बाबा बर्फानी की गुफा आरती की घंटियों और मंत्रोच्चार से गूंज उठी। सैकड़ों श्रद्धालु इस आरती में शामिल हुए। गुफा का वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।

श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही थी। गुफा के बाहर भक्ति गीत गाए जा रहे थे, तो अंदर शिवलिंग के सामने श्रद्धालु नतमस्तक होकर भावविभोर हो रहे थे।

दो बेस कैंपों से रवाना हुआ पहला जत्था

पहले जत्थे को बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंपों से रवाना किया गया। बालटाल रूट लगभग 14 किलोमीटर का है जबकि नुनवान रूट 48 किलोमीटर लंबा है। दोनों मार्गों पर सुरक्षा, चिकित्सा, भोजन और आवास की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है।

यात्रा के पहले दिन का दृश्य बेहद भावुक और प्रेरणादायक रहा। सभी उम्र के श्रद्धालु, साधु-संत, महिलाएं और युवा एक ही संकल्प के साथ इस कठिन यात्रा पर निकले—बाबा बर्फानी के दर्शन करने का संकल्प।

जम्मू से हरी झंडी, कश्मीर में हुआ जोरदार स्वागत

बुधवार को जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस जत्थे में कुल 5,892 श्रद्धालु शामिल थे। कश्मीर घाटी पहुंचने पर स्थानीय प्रशासन और नागरिकों ने इन श्रद्धालुओं का जोरदार स्वागत किया।

इसके बाद इन श्रद्धालुओं को बालटाल और पहलगाम के रास्ते गुफा मंदिर तक पहुंचाया गया, जहां उन्होंने आरती और दर्शन में भाग लिया।

श्रद्धालुओं में जोश और भावनात्मक जुड़ाव

पहलगाम से निकलीं कविता सैनी ने कहा, “यह मेरी पहली अमरनाथ यात्रा है। अनुभव अविस्मरणीय है। स्थानीय प्रशासन, दिल्ली और कश्मीर पुलिस का बहुत सहयोग मिला। मैं प्रार्थना करती हूं कि देश में शांति बनी रहे।”

वहीं पंजाब के संगरूर से आए एक श्रद्धालु ने बताया, “यह मेरी 14वीं यात्रा है। हर बार का अनुभव अलग और आध्यात्मिक होता है। सरकार ने इस बार बहुत अच्छी व्यवस्थाएं की हैं, जिससे यात्रा बेहद सहज हो गई है।”

‘यह धार्मिक यात्रा नहीं, पूरे देश की भावना’: प्रशासन

कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूरी ने कहा कि “यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि पूरे देश की सहभागिता का प्रतीक है। सुरक्षा बल, पिट्ठू, टेंट वाले, स्थानीय व्यापारी – सभी मिलकर इस तीर्थ यात्रा को सफल बना रहे हैं। श्रद्धालुओं का जोश और भक्ति अद्भुत है।”

चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

यात्रा को सुरक्षित और सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है:

  • जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, CRPF, ITBP और अन्य अर्धसैनिक बलों की व्यापक तैनाती

  • हवाई निगरानी और ड्रोन की मदद से गुफा और मार्गों पर चौबीसों घंटे नजर

  • हर श्रद्धालु के लिए अनिवार्य पंजीकरण, मेडिकल प्रमाणपत्र और पहचान पत्र

  • कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबरों की सक्रिय व्यवस्था

सरकार और प्रशासन ने इस बार यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मेडिकल कैंप, मोबाइल एम्बुलेंस, रैन बसेरे, और भोजनालय हर पड़ाव पर मौजूद हैं।

कठिन राहों को भी नहीं रोक पाई श्रद्धा

अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 12,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह गुफा केवल कुछ सप्ताहों के लिए ही खुलती है, जब मौसम अनुकूल होता है। भारी बर्फबारी और दुर्गम रास्तों के बावजूद हर वर्ष हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं।

इस बार यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक चलेगी, जिसमें लाखों तीर्थयात्रियों के शामिल होने की संभावना है।

प्राकृतिक शिवलिंग का अद्भुत चमत्कार

अमरनाथ गुफा में बनने वाला प्राकृतिक बर्फ का शिवलिंग प्रकृति का अद्भुत चमत्कार माना जाता है। इसे भगवान शिव का जीवंत स्वरूप कहा जाता है। मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी।

सरकार ने किए हैं बेहतरीन इंतजाम

यात्रा की सुविधा और सुरक्षा के लिए:

  • 100+ मेडिकल कैंप

  • 500+ वॉच टॉवर

  • 24×7 कंट्रोल रूम

  • मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा

  • फ्री इंटरनेट बूथ, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन, साफ पानी और साफ-सफाई के विशेष इंतजाम

आस्था, अनुशासन और राष्ट्रीय एकता की मिसाल

अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक भावनाओं का केंद्र है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता, सहयोग और आस्था का जीवंत प्रतीक बन चुकी है। सुरक्षा बलों से लेकर स्थानीय लोगों तक, हर कोई इस पवित्र यात्रा को सफल और यादगार बनाने में अपना योगदान दे रहा है।

इस वर्ष की यात्रा में न सिर्फ बेहतर प्रबंधन देखने को मिल रहा है, बल्कि श्रद्धालुओं का उत्साह और समर्पण भी अनुपम है। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ेगी, बाबा बर्फानी के जयकारों के साथ यह अध्यात्मिक यात्रा और भी विशेष होती जाएगी।

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