नई दिल्ली, Bihar में सामने आए वोटर वेरिफिकेशन डेटा लीक मामले ने अब राष्ट्रीय राजनीति को हिला कर रख दिया है। इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन आज लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। इस बार प्रदर्शन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुईं, जिन्होंने ‘लोकतंत्र खतरे में है’ का बैनर लहराकर सरकार पर सीधा हमला बोला।
क्या है मामला?
बिहार में वोटर वेरिफिकेशन के नाम पर कथित तौर पर फर्जी तरीके से मतदाताओं की जानकारी इकट्ठा की गई। आरोप है कि प्राइवेट एजेंसियों के ज़रिये मतदाताओं का व्यक्तिगत डेटा, जैसे आधार, मोबाइल नंबर और पता आदि जुटाए गए। इस प्रक्रिया में चुनाव आयोग की आधिकारिक प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष का आरोप है कि यह पूरा मामला लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप है और इसके जरिए आने वाले विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस, राजद, जद(यू) समेत कई दलों ने संसद के बाहर प्रदर्शन करते हुए इसकी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग की है।
प्रियंका गांधी का बयान
प्रदर्शन के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाथ में एक पोस्टर थामा जिसमें लिखा था — “Democracy is in Danger”। उन्होंने कहा,
“अगर एक राज्य में वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ होती है, तो वो सिर्फ एक राज्य का मामला नहीं रह जाता। ये पूरे देश की चुनावी प्रणाली पर हमला है।”
सोनिया गांधी की मौजूदगी का सियासी मतलब
सोनिया गांधी का इस प्रदर्शन में शामिल होना कांग्रेस की ओर से एक मजबूत राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। उन्होंने कोई औपचारिक बयान नहीं दिया, लेकिन उनकी मौन मौजूदगी ने यह साफ कर दिया कि पार्टी इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रही।
सरकार और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से अभी तक कोई विस्तृत बयान नहीं आया है, लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि वह इस पूरे मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर चुका है। आयोग ने संबंधित जिला अधिकारियों से रिपोर्ट भी तलब की है।
क्या आगे बढ़ेगा आंदोलन?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आता, तो यह मुद्दा आगामी संसद सत्रों और बिहार विधानसभा चुनावों में एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।