नई दिल्ली, 31 जुलाई (IANS)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत की ओर से अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत करते समय राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री गोयल की ओर से यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और पेनल्टी लगाने की घोषणा के बाद कही गई है।

संसद को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने अमेरिकी राष्ट्रपति की “डेड इकोनॉमी” वाली टिप्पणी को भी खारिज करते हुए कहा कि भारत 10 वर्षों में 11वीं से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री के अनुसार, इंटरनेशनल एजेंसी भारत को विश्व अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देखती हैं।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “भारत ने संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और ईएफटीए देशों के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। हम और अधिक देशों के साथ ऐसे एफटीए हासिल करना चाहते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत अपने सुधारों, एमएसएमई और उद्योग जगत के प्रयासों के माध्यम से वर्तमान में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम अपने किसानों की सुरक्षा और उन्हें प्रमोट करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। सरकार को विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने का विश्वास है। भारत आत्मविश्वास के साथ ‘मेक इन इंडिया’ की ओर बढ़ रहा है।”

केंद्रीय मंत्री गोयल के अनुसार, भारत और अमेरिका ने एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर बातचीत करने का निर्णय लिया है, जिसे इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा, “2 अप्रैल, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें 5 अप्रैल, 2025 से प्रभावी 10 प्रतिशत की बेसलाइन ड्यूटी, 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ के साथ, भारत के लिए कुल 26 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की गई। फुल कंट्री स्पेसिफिक एडिशनल टैरिफ 9 अप्रैल, 2025 से लागू होने वाला था। लेकिन 10 अप्रैल को इसे शुरू में 90 दिनों तक और फिर 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया।”

केंद्रीय मंत्री गोयल ने आगे कहा, “मार्च 2025 में, भारत और अमेरिका ने पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत शुरू की। लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना था।”

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) ने इस सप्ताह कहा कि वित्त वर्ष 26 और 27 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो अप्रैल के पूर्वानुमान की तुलना में अधिक अनुकूल बाह्य वातावरण को दर्शाता है।

आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने पूर्वानुमान को 20 आधार अंकों (बीपीएस) बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक एजेंसी ने वित्त वर्ष 27 के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को भी 10 आधार अंकों (बीपीएस) बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है।

वाणिज्य मंत्रालय ने पहले दिए एक बयान में कहा था कि भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है, “हम इस उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। सरकार अपने किसानों, उद्यमियों और एमएसएमई के कल्याण की रक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है।”

केंद्र की ओर से कहा गया, “अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जैसा कि ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुए व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते सहित अन्य व्यापार समझौतों के मामले में किया गया है।”

–IANS

एसकेटी/

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