गिरफ्तारी से अब तक का घटनाक्रम:
16 मई 2025: गिरफ्तारी
हिसार पुलिस ने jyoti को उसके घर से गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच में ही उसके पाकिस्तान एजेंटों से संपर्क की बात सामने आई थी। इसके बाद ज्योति को 9 दिनों तक पुलिस रिमांड पर रखा गया।
23 जून: न्यायिक हिरासत
पुलिस रिमांड के बाद कोर्ट ने ज्योति को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले उसकी बेल याचिका नीचली अदालत ने खारिज कर दी थी।
आज की पेशी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में आज उसकी पेशी हो रही है, जिससे यह तय हो सकता है कि आगे की जांच और कार्यवाही किस दिशा में जाएगी।
वकील की दलील: “धाराएं गलत, आरोप बेबुनियाद”
ज्योति के वकील कुमार मुकेश का कहना है कि ज्योति पर जो धाराएं लगाई गई हैं वो तथ्यहीन हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की शुरुआती जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला जो आरोपों को मजबूत करता हो। उन्होंने बताया:
- अगर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 152 को हटाया गया, तो पुलिस को 60 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होगी।
- यदि धारा बनी रहती है, तो चार्जशीट के लिए 90 दिन का समय होगा।
वकील ने कहा कि वे अब सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर करेंगे।
जेल से संदेश: “ताऊ से कहना, मैं जल्दी घर आऊंगी”
ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा जेल में अपनी बेटी से कई बार मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि ज्योति हर बार अपने ताऊ के बारे में पूछती है और कहती है—”ताऊ जी से कहना, मैं जल्दी घर आ जाऊंगी।”
जेल प्रशासन के अनुसार, ज्योति पूरी तरह स्वस्थ है, खाना-पीना और दिनचर्या सामान्य है।
पाकिस्तान कनेक्शन: कैसे बना ‘जासूसी नेटवर्क’?
2023 की पाकिस्तान यात्रा से हुई शुरुआत
हिसार पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ज्योति ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। यह यात्रा उसने उच्चायोग के जरिए वीजा लेकर की थी। इस दौरान उसकी मुलाकात पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ ‘दानिश’ से हुई।
दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी और फिर…
सोशल मीडिया से खुफिया एजेंसी तक पहुंच
- दानिश ने उसे अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज जैसे पाकिस्तानी एजेंटों से मिलवाया।
- पुलिस का दावा है कि ज्योति ने इन एजेंटों के साथ संवेदनशील जानकारियाँ साझा कीं।
- हालांकि, इन जानकारियों की संवेदनशीलता की पुष्टि नहीं हुई है।
भारत ने ‘दानिश’ को निकाला देश से
13 मई 2025 को भारत सरकार ने एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को ‘परसोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया। आरोप है कि उसने कई यूट्यूबर्स को जोड़कर जासूसी का नेटवर्क खड़ा किया था।
अब क्या होगा?
- अगर पुलिस धारा 152 को बनाए रखती है, तो उन्हें 90 दिनों में चार्जशीट दाखिल करनी होगी।
- बेल याचिका सेशन कोर्ट में नए सिरे से दायर की जाएगी।
- आज की पेशी कोर्ट की अगली रणनीति को दिशा दे सकती है।
एक यूट्यूबर का पाकिस्तान एजेंटों से जुड़ना, सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। क्या ये मामला महज एक भ्रम था या एक गहरी साजिश का हिस्सा? आने वाले दिनों में कोर्ट की प्रक्रिया और चार्जशीट का खुलासा इस गुत्थी को सुलझा सकता है।