नई दिल्ली | भारत में COVID-19 के मामले एक बार फिर से चिंता का कारण बन रहे हैं। बीते 48 घंटों में देशभर में 769 नए संक्रमित सामने आए हैं, जबकि 6 लोगों की संक्रमण के चलते मृत्यु हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या अब बढ़कर 6,133 हो चुकी है। हालांकि केंद्र सरकार ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारें इसे लेकर पूरी तरह सतर्क हो गई हैं।
राज्यवार COVID-19 स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सबसे अधिक सक्रिय मामले केरल से सामने आए हैं। राज्य में फिलहाल 1,950 एक्टिव केस हैं, जबकि गुजरात (822), पश्चिम बंगाल (617), दिल्ली (580), और महाराष्ट्र (540) शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हैं।
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केरल: स्थानीय प्रशासन ने अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और ICU तथा ऑक्सीजन बेड्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
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गुजरात: RT-PCR टेस्टिंग में वृद्धि की गई है और स्कूलों में बच्चों की जांच शुरू की गई है।
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मध्य प्रदेश: इंदौर और भोपाल में हाल ही में 40 से अधिक नए मामले मिले हैं, प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क अनिवार्य कर दिया है।
नए वेरिएंट्स पर नज़र
विशेषज्ञों ने बताया है कि भारत में फिलहाल COVID-19 के नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1, JN.1, और LF.7 की पहचान हुई है। हालांकि इनमें से अधिकतर वेरिएंट हल्के लक्षण उत्पन्न कर रहे हैं, फिर भी उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए खतरा बना हुआ है।
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) लगातार इन वेरिएंट्स पर निगरानी बनाए हुए है और हर राज्य से सैंपल जीनोम अनुक्रमण के लिए मंगाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन
केंद्र सरकार ने COVID-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए राज्यों को अलर्ट पर रहने और निम्नलिखित उपाय सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
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SARI और ILI मामलों की निगरानी बढ़ाएं
हर राज्य को निर्देश दिया गया है कि Severe Acute Respiratory Infections (SARI) और Influenza-like illness (ILI) मामलों की सघन निगरानी की जाए। -
ऑक्सीजन स्टॉक और ICU तैयारियां
सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट्स की नियमित जांच, ICU बेड्स की उपलब्धता और दवाओं के भंडारण की रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजने को कहा गया है। -
जन-जागरूकता अभियान
सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों और बस स्टैंड्स पर मास्क और सैनिटाइज़र के उपयोग को लेकर नए पोस्टर और डिजिटल स्क्रीन लगाए जा रहे हैं। -
स्कूल-कॉलेज अलर्ट
छात्रों में बुखार या जुकाम के लक्षण पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन को तत्काल जांच कराने और छात्रों को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों की चेतावनी: ‘लक्षण हल्के हैं, लेकिन सतर्क रहना जरूरी’
AIIMS दिल्ली के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन अग्रवाल का कहना है कि—
“इस बार लक्षण बहुत हल्के हैं, लेकिन वायरस का व्यवहार बदल सकता है। हमें वही सतर्कता अपनानी चाहिए जो पहले लहरों में अपनाई गई थी।”
Fortis हेल्थकेयर के अनुसार, नए मामलों में 85% मरीजों को अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं पड़ी है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और हृदय या फेफड़े के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
जनता के लिए दिशा-निर्देश (Advisory for Public)
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें
- सार्वजनिक स्थलों से लौटकर हाथ धोएं या सैनिटाइज़ करें
- बुखार, गले में खराश या खाँसी होने पर डॉक्टर से सलाह लें
- RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार किए बिना भी खुद को आइसोलेट करें
- बुजुर्गों और बच्चों की अतिरिक्त देखभाल करें
- सरकारी हेल्थ सेंटर से मुफ्त वैक्सीनेशन या बूस्टर लें
क्या भारत में चौथी लहर की संभावना है?
WHO और ICMR दोनों का मानना है कि भारत में फिलहाल किसी “चौथी लहर” जैसी स्थिति नहीं है। लेकिन देश में COVID-19 को अब “स्थानिक (Endemic)” माना जा रहा है, यानी वायरस कम मात्रा में समुदाय में बना रहेगा और समय-समय पर मामूली संक्रमण फैल सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार ने कहा है कि—
“भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह तैयार है। हमने महामारी से बहुत कुछ सीखा है और ICU से लेकर गांव के हेल्थ सेंटर तक, हर जगह मजबूत नेटवर्क तैयार किया है।”
विपक्ष, खासकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार पर आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा—
“हर बार जब चुनाव करीब होते हैं, तब कोरोना के आंकड़े बढ़ते दिखते हैं। हम सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हैं।”
सरकार ने इन आरोपों को “राजनीतिक और गैर-जिम्मेदाराना” बताया है और स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट को सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया है।