नई दिल्ली । भारत में एक बार फिर Corona वायरस की सक्रियता बढ़ती नजर आ रही है। जून 2025 के दूसरे सप्ताह में देश भर में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या 7,000 के पार पहुंच चुकी है। इस दौरान कुल 74 लोगों की जान भी जा चुकी है। खास बात यह है कि बीते सिर्फ एक सप्ताह में ही 30 मौतें दर्ज की गई हैं, जो कि एक गंभीर चेतावनी है कि संक्रमण एक बार फिर फैल रहा है। सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद लापरवाही की आदतें लौट रही हैं, जो इस उभार के लिए ज़िम्मेदार मानी जा रही हैं।
नए वेरिएंट और बदलते लक्षण
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, Corona वायरस के एक नए उप-वेरिएंट ‘XFG’ के 160 से अधिक मामलों की पुष्टि विभिन्न राज्यों में हो चुकी है। यह वेरिएंट ओमिक्रॉन की श्रेणी में आता है और इसकी संक्रामकता अधिक है, हालांकि अब तक यह गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती की वजह नहीं बना है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं – हल्का बुखार, गले में खराश, सूखी खांसी, बदन दर्द, थकावट और नाक बहना। कई मरीजों में सिरदर्द और नींद में गड़बड़ी जैसे लक्षण भी देखे गए हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट ज्यादातर लोगों में हल्के लक्षण ही पैदा करता है, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।
देश भर में केसों की स्थिति
केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों में केसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं, जो करीब 2,200 के आसपास बताए जा रहे हैं। वहीं गुजरात में एक्टिव केसों की संख्या 1,200 से ऊपर जा चुकी है। गुजरात के राजकोट में एक व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु भी हो चुकी है, जो पहले से कई बीमारियों से जूझ रहा था।
दिल्ली और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में पॉजिटिविटी दर में हल्की वृद्धि देखी जा रही है। लुधियाना में तो यह दर 7 प्रतिशत से ऊपर पहुँच चुकी है, जो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
गुजरात में नई चेतावनी: खांसी-सर्दी होने पर क्वारंटीन
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ने हाल ही में एक प्रेस बयान में अपील की कि जिन लोगों को हल्की सर्दी, खांसी या फ्लू जैसे लक्षण हैं, वे खुद को स्वैच्छिक रूप से क्वारंटीन करें। खासतौर पर यह सलाह उन लोगों को दी गई है जो आगामी धार्मिक आयोजनों जैसे जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल होने वाले हैं। सरकार का कहना है कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों में शामिल होने से पहले अपनी सेहत की जांच अवश्य करें, और यदि कोई लक्षण हों तो बाहर निकलने से बचें।
इस निर्देश का उद्देश्य धार्मिक आयोजनों को सुरक्षित बनाए रखना है, ताकि संक्रमण किसी बड़े रूप में न फैल सके। राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है और तैयारी पूरी है।
मौतें किसको ज्यादा प्रभावित कर रही हैं?
Corona से हो रही मौतों का एक बड़ा हिस्सा बुजुर्गों और पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का है। उदाहरण के तौर पर, कोलकाता में 74 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हुई, जिन्हें हृदय रोग और उच्च रक्तचाप की पुरानी शिकायत थी। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग ने फिर से यह दोहराया है कि कोरोना संक्रमण अब भी जानलेवा साबित हो सकता है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो पहले से बीमार हैं या जिन्होंने बूस्टर डोज़ नहीं ली है।
फिर से सक्रिय हुआ टेस्टिंग और क्वारंटीन सिस्टम
देश के कई हिस्सों में कोविड टेस्टिंग सेंटर फिर से सक्रिय किए जा रहे हैं। राज्य सरकारें RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ा रही हैं ताकि समय रहते संक्रमित लोगों की पहचान की जा सके। विशेष रूप से हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर जांच की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है।
इसके साथ ही स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में मास्क, सैनिटाइज़र और सामाजिक दूरी के निर्देशों को फिर से लागू किया जा रहा है। हालांकि लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन सावधानी के सभी उपाय सक्रिय रूप से अपनाए जा रहे हैं।
एक नजर आंकड़ों पर
विषय | आंकड़ा |
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कुल एक्टिव केस (देश भर में) | 7,121 |
इस सप्ताह हुई मौतें | 30+ |
जून 2025 की कुल मौतें | 74 |
नए XFG वेरिएंट के केस | 163 |
सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य | केरल, गुजरात, महाराष्ट्र |
गुजरात में एक्टिव केस | 1,227 |
केरल में एक्टिव केस | 2,223 |
सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट | लुधियाना (7.14%) |
क्या करें, क्या न करें: सुरक्षा के उपाय
क्या करें:
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खांसी, बुखार या सर्दी जैसे लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
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RT-PCR या रैपिड टेस्ट जरूर कराएं।
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मास्क पहनें, खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर।
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नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
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बुजुर्गों और बच्चों की अतिरिक्त देखभाल करें।
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टीकाकरण (बूस्टर डोज़ सहित) पूरा करवाएं।
क्या न करें:
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लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
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लक्षण होते हुए भी धार्मिक या सामाजिक आयोजनों में न जाएं।
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स्वयं इलाज न करें—डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
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भीड़ में बिना मास्क के न जाएं।
विशेषज्ञों की राय
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही इस बार वायरस का असर उतना घातक नहीं है, लेकिन इसकी उपेक्षा करना भारी पड़ सकता है। ओमिक्रॉन के उप-वेरिएंट पहले भी दिखा चुके हैं कि ये तेजी से फैलते हैं और अगर समय रहते नियंत्रित न किए जाएं तो यह बड़ी लहर में बदल सकते हैं।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सर्दी-जुकाम के लक्षण अब सिर्फ मौसम का प्रभाव मानकर टालना ठीक नहीं होगा। बेहतर होगा कि थोड़ी सी भी शंका पर टेस्ट कराया जाए और दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए क्वारंटीन में रहें।