नई दिल्ली । PM नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच देशों की विदेश यात्रा की शुरुआत अफ्रीकी देश घाना से की, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा न सिर्फ भारत की अफ्रीका महाद्वीप में कूटनीतिक पहुंच का नया संकेत है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्तों को नई दिशा देने वाली भी है।
21 तोपों की सलामी और सर्वोच्च नागरिक सम्मान से हुआ स्वागत
पीएम नरेंद्र मोदी अकरा के कोटोका इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने 21 तोपों की सलामी के साथ उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी को ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ सम्मान से नवाजा गया, जो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। प्रधानमंत्री को यह सम्मान भारत-घाना के मजबूत होते रिश्तों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनके योगदान को मान्यता देने के रूप में दिया गया।
इस सम्मान के साथ ही पीएम मोदी को मिले अंतरराष्ट्रीय सम्मानों की संख्या अब 24 हो गई है। उन्होंने यह सम्मान भारत के युवाओं, देश की विविधता, और भारत-घाना के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।
तीसरे प्रधानमंत्री जिन्होंने घाना की यात्रा की
प्रधानमंत्री मोदी भारत के तीसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने घाना की यात्रा की है। इससे पहले 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और 1995 में पी.वी. नरसिम्हा राव ने घाना का दौरा किया था। तीन दशकों बाद यह यात्रा भारत की अफ्रीकी नीति में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है।
घाना के उपराष्ट्रपति से द्विपक्षीय बैठक
पीएम मोदी ने घाना की उपराष्ट्रपति नाना जेन ओपोकु-अग्येमांग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। मोदी ने कहा कि “घाना, अफ्रीका में भारत का एक भरोसेमंद भागीदार है। हम इस रिश्ते को और सुदृढ़ बनाना चाहते हैं।”
चार अहम समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
इस यात्रा के दौरान भारत और घाना के बीच चार महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:
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सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर एमओयू।
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भारतीय मानक ब्यूरो और घाना स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी के बीच एमओयू।
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आईटीएम (घाना) और आईटीआरए (भारत) के बीच शैक्षणिक सहयोग पर समझौता।
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संयुक्त आयोग बैठक को लेकर सहमति।
इन समझौतों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शिक्षा, संस्कृति, टेक्नोलॉजी और व्यापारिक संबंधों को प्रोत्साहित करना है।
व्यापार और निवेश का नया लक्ष्य
पीएम मोदी ने बताया कि भारत और घाना के बीच व्यापार 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। उन्होंने घोषणा की कि अगले 5 वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों देशों ने कृषि, फार्मा, ऊर्जा और आईटी क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर तलाशने पर सहमति जताई है।
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और वैक्सीन हब में भारत की मदद
भारत, घाना को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद करेगा। मोदी सरकार ने घाना में वैक्सीन उत्पादन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भी दिया है। याद रहे, कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने घाना को 6 लाख वैक्सीन डोज भेजी थीं।
डिजिटल इंडिया का विस्तार अफ्रीका तक
एक और बड़ा ऐलान डिजिटल टेक्नोलॉजी को लेकर हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि भारत घाना को फिनटेक तकनीक में मदद करेगा और डिजिटल भुगतान प्रणाली का अनुभव साझा करेगा। यह पहल घाना की नई पीढ़ी को टेक्नोलॉजी से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुटता का संदेश
पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन, वैश्विक दक्षिण, और वैश्विक न्याय जैसे मुद्दों पर घाना के साथ मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया। भारत और घाना दोनों गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर साझा रणनीति के तहत काम करते हैं।
सांस्कृतिक सहयोग और भारतीय प्रवासियों से मुलाकात
पीएम मोदी ने घाना की संसद को संबोधित करते हुए भारत-अफ्रीका की साझी विरासत पर बात की और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ाने की बात कही। उन्होंने घाना में रह रहे 15 हजार भारतीय मूल के लोगों को “भारत का सांस्कृतिक राजदूत” बताया। इनमें से करीब 3 हजार लोग घाना की नागरिकता भी ले चुके हैं। ये प्रवासी मुख्यतः गुजराती और सिंधी समुदाय से हैं, जो 50 सालों से भी ज्यादा समय से वहां बसे हुए हैं।
अफ्रीका में भारत की मजबूत होती छवि
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा एक तरफ जहां भारत और घाना के बीच गहरे होते रिश्तों की पुष्टि करती है, वहीं यह अफ्रीका में भारत की रणनीतिक और सांस्कृतिक उपस्थिति को भी नई ऊर्जा देती है। यह भारत की ‘वैश्विक दक्षिण’ के साथ एकजुटता और विकास की साझी सोच का मजबूत उदाहरण है।