नई दिल्ली । आंध्र प्रदेश और Chhattisgarh की सीमा पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार सुबह अल्लूरी सीतारामराजू जिले के रामपचोदवरम थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन खतरनाक नक्सली लीडर मारे गए।

मारे गए नक्सलियों में एक है गजरला रवि उर्फ उदय, जिस पर सरकार ने 40 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसके साथ मारी गई अरुणा उर्फ रवी चैतन्य नक्सली कमांडर चलपति की पत्नी थी, जिस पर 20 लाख रुपये का इनाम था। तीसरे मारे गए नक्सली की पहचान अंजू (ACM) के रूप में हुई है।

एके-47 के साथ घिरे गए नक्सली

पुलिस को इलाके में भारी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें ये तीनों नक्सली मारे गए।

पुलिस को तीन एके-47 राइफलें, नक्सली साहित्य और अन्य सामान घटनास्थल से बरामद हुआ है।

एसपी अमित बरदार ने कहा:
“ये मुठभेड़ नक्सल गतिविधियों पर बड़ा प्रहार है। मारे गए सभी नक्सली शीर्ष स्तर के कमांडर थे।”

 अरुणा – एक खतरनाक नाम

अरुणा, जिसका असली नाम रवी चैतन्य था, नक्सली संगठन के साउथ जोनल कमेटी की सदस्य थी। उसका पति चलपति इस साल की शुरुआत में मारा गया था, जब सुरक्षा बलों को उसकी और अरुणा की एक सेल्फी के ज़रिए लोकेशन मिल गई थी।अरुणा न केवल एक रणनीतिक प्लानर थी, बल्कि कई हमलों में सक्रिय भूमिका निभा चुकी थी। उसकी मौत नक्सली नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।

गजरला रवि – सबसे बड़ा सिरदर्द

गजरला रवि उर्फ आनंद, उर्फ गणेश, उर्फ उदय, उर्फ रविंदर – यह नक्सली कई नामों से जाना जाता था। मूल रूप से आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले के वेलिशाला गांव का रहने वाला था। उसका नाम नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सक्रिय सदस्य के तौर पर प्रमुखता से लिया जाता रहा है।

गजरला पर कई हमलों की साजिश रचने का आरोप था। वह छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना में सुरक्षा बलों के खिलाफ योजनाएं बनाने के लिए जाना जाता था।

ऑपरेशन अभी भी जारी

रामपचोदवरम के DSP जीएस प्रशांत के अनुसार, “इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। फिलहाल शवों की बरामदगी नहीं हुई है, लेकिन घटनास्थल को पूरी तरह घेर लिया गया है।”

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि इलाके में और कितने नक्सली छिपे हुए हो सकते हैं। ड्रोन और सर्विलांस के जरिए भी निगरानी बढ़ा दी गई है।

 इस ऑपरेशन के मायने

  1. शीर्ष नेतृत्व का सफाया: नक्सली संगठन को बड़ा नुकसान।
  2. खुफिया नेटवर्क की सफलता: सटीक सूचना और तेज़ कार्रवाई।
  3. जन सुरक्षा का भरोसा: सीमावर्ती इलाकों में लोगों को राहत।
  4. मनौवैज्ञानिक झटका: नेतृत्व पर वार से संगठन कमजोर होगा।

 

Share.

Owner & Editor: Sujeet Kumar

Registered Office:
B-87 A, Gayatri Nagar, Shankar Nagar,
Near Jagannath Mandir,
Raipur, Chhattisgarh – 492004

Contact Details:
Email: rivalsmedia2025@gmail.com
Mobile: +91-6260039085

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  

© 2025 Pioneer Digital Online. Designed by Nimble Technology.

Exit mobile version