नई दिल्ली, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 11 साल पूरे होने पर तीखा हमला बोला है। दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस महासचिव और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel ने केंद्र सरकार पर झूठ, छल, और जनविरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार का यह कार्यकाल देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, सामाजिक ताने-बाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता पर गहरा आघात है।
“मोदी की चुप्पी अब अपमानजनक”
Bhupesh Baghel ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा,
“चुनाव के समय जो प्रधानमंत्री जमकर बोलते हैं, वही अब ट्रंप के अपमानजनक दावों पर खामोश क्यों हैं? क्या मजबूरी है उनकी चुप्पी की?”
ट्रंप ने भारत-पाक संघर्ष के दौरान खुद को मध्यस्थ बताते हुए दावा किया कि उन्होंने भारत पर दबाव डालकर संघर्ष विराम करवाया। बघेल ने इसे भारत की संप्रभुता और गरिमा पर सीधा हमला बताया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी देश को असहज कर रही है।
“विकास नहीं, विभाजन की राजनीति हुई”
Bhupesh Baghel ने कहा कि मोदी सरकार का पूरा शासन काल विघटन, समाज में दरार, और नफरत फैलाने पर केंद्रित रहा है। उन्होंने कहा कि
“प्रधानमंत्री की पूरी राजनीतिक यात्रा विघटन और विभाजन की रही है, जिससे हर वर्ग – दलित, आदिवासी, महिलाएं, अल्पसंख्यक – खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।”
“झूठे आंकड़े, खोखले वादे”
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर विकास के नाम पर झूठे आंकड़े गढ़ने और वास्तविकता से जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
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नोटबंदी को एक “विफल प्रयोग” बताते हुए कहा कि इससे न काला धन आया, न आतंकवाद रुका।
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कोरोना काल में लाखों लोगों की मौतों को लेकर भी उन्होंने केंद्र की असंवेदनशीलता और व्यवस्था की विफलता की ओर इशारा किया।
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कुंभ मेले में मौतों के आंकड़ों पर सरकारी रिपोर्टों और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के बीच अंतर को भी उन्होंने सरकार की गंभीर जानकारी छुपाने की प्रवृत्ति बताया।
“विदेश नीति कमजोर, भारत की आवाज बेअसर”
Bhupesh Baghel ने भारत की विदेश नीति को लेकर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए कहा कि
“आज दुनिया में भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। मोदी जी ने सैकड़ों विदेशी यात्राएं कीं, लेकिन जब पाकिस्तान ने सीमा पर तनाव फैलाया, कोई देश भारत के साथ खुलकर नहीं आया।”
“रोज़गार और सरकारी पदों पर चुप्पी”
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार हर साल दो करोड़ रोज़गार देने का वादा कर सत्ता में आई थी, लेकिन
“सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं और युवाओं को सिर्फ एग्जाम स्थगन और घोटाले मिल रहे हैं।”
“लोकतांत्रिक संस्थाएं दबाव में”
भूपेश बघेल ने ईडी, आयकर विभाग, सीबीआई और यहां तक कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा,
“इन संस्थाओं का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को डराने और लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए किया गया है।”
“सरकारी योजनाएं केवल प्रचार तक सीमित”
कांग्रेस नेता ने सरकार की तमाम योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना और नल-जल योजना को प्रचार केंद्रित, लेकिन ज़मीन पर विफल बताया। उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी योजनाओं की स्थिति को दयनीय बताया।
“महिला आरक्षण और जातीय जनगणना सिर्फ घोषणा”
बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार ने महिला आरक्षण पर विधेयक तो पारित कराया, लेकिन
“आज तक यह लागू नहीं किया गया। वही हाल जातिगत जनगणना का है, जिसका सिर्फ राजनीतिक फायदा लिया गया।”
“किसानों के साथ छलावा”
उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान को याद दिलाया जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात कही गई थी।
“आज किसान अपनी फसल औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर है। डीएपी खाद और बीज की भारी कमी है, लेकिन सरकार आंखें मूंदे हुए है।”