मेघालय । राजा रघुवंशी हत्या मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। शिलॉन्ग की अदालत ने मुख्य आरोपी Sonam रघुवंशी सहित पांचों आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है। बुधवार को सभी आरोपियों को दोपहर बाद कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद अब मेघालय पुलिस के पास पर्याप्त समय है कि वो हत्याकांड से जुड़े तमाम पहलुओं की गहराई से जांच कर सके। यह रिमांड पुलिस को सीन रीक्रिएशन, आमना-सामना पूछताछ और डिजिटल साक्ष्य खंगालने का कानूनी अधिकार देता है।
हत्या का प्लान पहले से तैयार था
जांच में सामने आया है कि राजा की हत्या पहले 22 मई को करने की योजना थी, लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते वो सफल नहीं हो सकी। इसके बाद 23 मई को “प्लान बी” के तहत राजा की निर्मम हत्या कर दी गई। यह हत्या एक गहरी खाई के पास की गई, जहाँ उसका शव कई दिन बाद 2 जून को बरामद हुआ। पुलिस का कहना है कि हत्या सुनियोजित थी और इसमें सोनम के साथ-साथ राज कुशवाहा और उसके तीन दोस्तों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
शादी के 12 दिन बाद खत्म हुआ रिश्ता
राजा और सोनम की शादी 11 मई 2025 को इंदौर में हुई थी। यह शादी परिवारों की सहमति से हुई थी और शुरू में सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन शादी के महज 12 दिन बाद, एक पति की हत्या ने सबको स्तब्ध कर दिया। सोनम ने राजा को हनीमून पर ले जाने का सुझाव दिया और मेघालय का प्लान बनाया। शक की सुई तब घूमी जब दोनों 23 मई को अचानक लापता हो गए और 2 जून को राजा की लाश खाई में मिली।
पुलिस करेगी सीन रीक्रिएशन
पुलिस अब सभी आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर सीन रीक्रिएशन कराने वाली है। इसका मकसद है कि हत्या की सही टाइमलाइन और क्रियाविधि की पुष्टि हो सके। साथ ही, पूछताछ के दौरान सोनम और अन्य चार आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे। ये दोनों प्रक्रियाएं मामले को सुलझाने में निर्णायक साबित हो सकती हैं।
डिजिटल सबूत बनेंगे जांच की धुरी
मेघालय पुलिस अब सभी आरोपियों के मोबाइल कॉल डिटेल्स, लोकेशन हिस्ट्री, मैसेज और सोशल मीडिया बातचीत की पड़ताल कर रही है। इसके अलावा घटनास्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि डिजिटल साक्ष्य हत्या की प्लानिंग और उस दिन की गतिविधियों को साबित कर सकते हैं।
फॉरेंसिक जांच से मिलेगी पुष्टि
पुलिस को होमस्टे में सोनम के सूटकेस से राजा का मंगलसूत्र और अंगूठी मिले थे, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इन वस्तुओं के जरिए यह साबित किया जा सकता है कि हत्या के बाद सोनम ने जानबूझकर साक्ष्य मिटाने या छुपाने का प्रयास किया। साथ ही हत्या में इस्तेमाल हुआ माचेते (धारदार हथियार) भी परीक्षण के लिए भेजा गया है।
परिवार में आक्रोश और दुःख
इंदौर में राजा रघुवंशी के परिवार का दुख अब गुस्से में तब्दील हो चुका है। हाल ही में सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी राजा की माँ उमा रघुवंशी से मिलने पहुंचे और गले लगकर रो पड़े। गोविंद ने मीडिया से कहा, “मेरी बहन ने बहुत बड़ा अपराध किया है, उसे सज़ा-ए-मौत मिलनी चाहिए।” यह बयान दर्शाता है कि अब सोनम का परिवार भी उसके खिलाफ हो गया है। मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुँचीं और सरकार से न्याय की माँग की।
समाज में भी गूंज रहा मामला
राजा मर्डर केस अब एक राज्यीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा है। सोशल मीडिया पर #JusticeForRaja ट्रेंड कर रहा है। लोगों का मानना है कि इस केस की निष्पक्ष जांच CBI द्वारा की जानी चाहिए। कई राजनेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी CBI जांच की मांग की है, हालांकि मेघालय पुलिस फिलहाल जांच को खुद ही आगे बढ़ा रही है।
अब आगे क्या?
आने वाले आठ दिन इस केस के लिए बेहद अहम साबित होंगे। पुलिस को अब हर आरोपी से कड़ी पूछताछ का समय मिलेगा। बयान, साक्ष्य, फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल डेटा के मेल से सच सामने आने की पूरी संभावना है। अगर आरोपियों के बयान मेल नहीं खाते, तो कई और गिरफ्तारियाँ भी संभव हैं। अदालत में अगली पेशी पर चार्जशीट दाखिल की जा सकती है।
शादी से साज़िश तक का सफर
राजा रघुवंशी की कहानी अब केवल एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि भरोसे और प्यार के नाम पर किए गए एक छल की क्रूर गाथा बन चुकी है। शादी के महज 12 दिन बाद एक पत्नी ने अपने पति को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई और उसे अंजाम तक पहुंचाया। समाज, परिवार और कानून अब न्याय की राह देख रहे हैं। यह मामला एक बार फिर हमें याद दिलाता है —
“सांप तो मर गया, लेकिन लाठी किसने चलाई, ये जानना अभी बाकी है…”