नई दिल्ली । इज़राइल और ईरान के बीच चल रही सैन्य टकराव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। शुक्रवार को इज़राइल द्वारा शुरू किए गए ‘Rising Lion’ के तहत ईरान के खिलाफ बड़े पैमाने पर किए गए एयरस्ट्राइक्स के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को बेहद आक्रामक और स्पष्ट शब्दों में ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है, “ये तो सिर्फ शुरुआत है… अभी और तबाही मचनी बाकी है।”
“हमारे अस्तित्व पर खतरा”: नेतन्याहू का सख्त संदेश
नेतन्याहू ने अपने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह सैन्य अभियान केवल ईरान की परमाणु क्षमताओं को नष्ट करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य उस बुनियादी खतरे को समाप्त करना है जो इज़राइल के अस्तित्व को चुनौती दे रहा है।
“ईरान का बर्बर शासन पिछले कई दशकों से इज़राइल को मिटा देने की धमकियां देता आया है। हम अब चुप नहीं रहेंगे। यह ऑपरेशन तब तक चलेगा, जब तक हम उस खतरे को जड़ से खत्म नहीं कर देते,”
परमाणु हथियार को लेकर गंभीर आरोप
इज़रायली खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ईरान ने हाल के महीनों में यूरेनियम समृद्ध करने की अपनी गतिविधियों में तेज़ी लाई है। नेतन्याहू का कहना है कि ईरान अब परमाणु हथियार हासिल करने के “बहुत करीब” है।
“ईरान के पास अब नौ परमाणु बमों के निर्माण के लिए पर्याप्त यूरेनियम है। ये केवल इज़राइल ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ा खतरा है,”
नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि यदि ईरान को नहीं रोका गया, तो वह एक साल के अंदर परमाणु हथियार विकसित कर सकता है – या शायद कुछ ही महीनों में। उन्होंने इस परिप्रेक्ष्य में यह भी याद दिलाया कि नाजी होलोकॉस्ट में यहूदी समुदाय का कितना बड़ा नुकसान हुआ था, और यह कि अब वे “ईरान के परमाणु नरसंहार” को किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।
ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’: टारगेटेड सैन्य मिशन
‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत इज़राइल ने शुक्रवार सुबह 200 से अधिक लड़ाकू विमानों और ड्रोन से ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इसमें ईरान के नतांज, फोर्डो और अराक जैसे संवेदनशील न्यूक्लियर स्थलों के साथ-साथ आईआरजीसी के मुख्यालयों को भी निशाना बनाया गया।
ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं, जबकि दर्जनों अन्य घायल हुए हैं।
“यह लड़ाई कुछ घंटों या दिनों की नहीं”
नेतन्याहू ने इज़रायली नागरिकों से संयम बरतने और सेना के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह संघर्ष जल्द खत्म नहीं होगा।
“यह लड़ाई कुछ घंटों या दिनों की नहीं है। यह तब तक चलेगी जब तक हमारे लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते। हमें जवाबी हमलों के लिए तैयार रहना होगा, लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है,”
मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर
इज़राइल-ईरान की इस टकराव ने पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव की लहर दौड़ा दी है। लेबनान, सीरिया और यमन के ईरान-समर्थित संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है। संयुक्त राष्ट्र और कई पश्चिमी देशों ने संयम की अपील की है, जबकि रूस और चीन ने इस हमले को ‘एकतरफा उकसावे’ की संज्ञा दी है।
इस टकराव का असर वैश्विक बाजारों और कच्चे तेल की कीमतों पर भी दिख रहा है, जो 5% तक बढ़ चुकी हैं। क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।