नई दिल्ली । अमेरिका की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच खुला टकराव सामने आया है। मस्क द्वारा नई राजनीतिक पार्टी – अमेरिका पार्टी – के गठन की घोषणा पर ट्रम्प ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर मस्क को “बेकाबू ट्रेन” करार दिया।
ट्रम्प बोले: मस्क पटरी से उतर चुके हैं
ट्रम्प ने लिखा, “मुझे दुख है कि एलन मस्क पूरी तरह से पटरी से उतर चुके हैं। पिछले पांच हफ्तों से वे एक बेकाबू ट्रेन जैसे हो गए हैं।”
उन्होंने नई पार्टी के प्रयास को अराजकता फैलाने वाला करार दिया और कहा कि “अमेरिकी व्यवस्था ऐसी पार्टियों के लिए बनी ही नहीं है। तीसरी पार्टी का एक ही काम होता है – गड़बड़ी फैलाना।”
मस्क ने की अमेरिका पार्टी की घोषणा
एलन मस्क ने 4 जुलाई, अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस पर, X (पहले ट्विटर) पर एक पोल पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पूछा —
“क्या आप टू-पार्टी सिस्टम से आज़ादी चाहते हैं?”
करीब 65.4% लोगों ने हां में जवाब दिया।
इसी नतीजे के आधार पर मस्क ने “America Party” बनाने की घोषणा कर दी। उन्होंने लिखा, “जब भ्रष्टाचार की बात आती है, तो अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियां एक जैसी हैं। अब देश को एक नया विकल्प मिलेगा।”
मस्क चुनाव नहीं लड़ सकते, बनेंगे किंगमेकर
मस्क अमेरिका में जन्मे नहीं हैं — उनका जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, इसलिए वह राष्ट्रपति या सीनेट चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन उनका लक्ष्य है कि 2026 में होने वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की 8-10 सीटों और सीनेट की 3-4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें और जीतें।
इससे वह ट्रम्प की नीतियों और बिलों को रोककर किंगमेकर की भूमिका निभाना चाहते हैं।
मस्क-ट्रम्प के बीच फंडिंग और कटौती को लेकर दरार
2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ने ट्रम्प को लगभग 2,500 करोड़ रुपए का डोनेशन दिया था। लेकिन हाल ही में मस्क “DOGE” संस्था से अलग हुए और ट्रम्प के बिग ब्यूटीफुल बिल का विरोध करने लगे।
यह बिल टैक्स और गवर्नमेंट खर्चों में कटौती से जुड़ा है। ट्रम्प का आरोप है कि मस्क का विरोध इसलिए है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी कम करने की बात कही गई है।
मस्क ने जवाब में ट्रम्प को “एहसान फरामोश” और “अविश्वसनीय” कहा और कहा कि “अगर मैं न होता, तो ट्रम्प चुनाव हार जाते।”
अमेरिका का टू-पार्टी सिस्टम क्या है?
अमेरिका की राजनीति में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों का वर्चस्व है। पिछले 150 वर्षों से सत्ता इन्हीं दोनों दलों के बीच घूमती रही है।
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डेमोक्रेट्स की शुरुआत 1828 में हुई थी और वे समाज कल्याण और आर्थिक सुधारों के लिए पहचाने जाते हैं।
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रिपब्लिकन पार्टी 1854 में गुलामी विरोध के रूप में बनी और अब व्यापार-समर्थक मानी जाती है।
क्या तीसरी पार्टी सफल हो सकती है?
इतिहास गवाह है कि तीसरी पार्टियां कभी अमेरिकी राजनीति में मजबूत पैर नहीं जमा सकीं:
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1912 में थियोडोर रूजवेल्ट ने “बुल मूस पार्टी” बनाई थी, लेकिन वह भी एक कार्यकाल से आगे नहीं बढ़ पाई।
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1992 में रॉस पेरोट ने 19% वोट लिए थे, पर उन्हें एक भी इलेक्टोरल वोट नहीं मिला।
कारण:
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चुनावी ढांचा टू-पार्टी सिस्टम को सपोर्ट करता है
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तीसरी पार्टियों को फंडिंग, मीडिया एक्सपोजर और संगठनात्मक सपोर्ट नहीं मिलता
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लोग उन्हें “वोट काटने” वाली पार्टी मानते हैं
ट्रम्प बनाम मस्क: सियासी टकराव और बड़ा होता फासला
ट्रम्प का मानना है कि मस्क की राजनीति सिर्फ भ्रम और अस्थिरता फैला रही है। वहीं, मस्क का दावा है कि वह देश को नया विकल्प देना चाहते हैं और भ्रष्ट व्यवस्था से जनता को आज़ादी दिलाना चाहते हैं।
अब देखना यह है कि क्या अमेरिका पार्टी वाकई राजनीतिक भूचाल ला पाएगी या यह भी इतिहास की एक विफल तीसरी पार्टी बनकर रह जाएगी?