आज सावन का तीसरा सोमवार है और देशभर में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम और झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में लाखों की संख्या में शिव भक्त दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचे। भोलेनाथ के जयकारों से मंदिरों का माहौल भक्तिमय हो गया है।
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन: रात 2:30 बजे से ही भक्तों की भीड़
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर के कपाट सोमवार तड़के 2:30 बजे ही खोल दिए गए। इसके बाद सुबह 3 बजे से प्रसिद्ध भस्म आरती का आयोजन किया गया, जिसे देखने देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे।
भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की मदद के लिए विशेष हेल्प डेस्क, पानी की व्यवस्था और मेडिकल टीम तैनात की गई थी।
इस सोमवार के दिन महाकाल के दर्शन के लिए लगभग 3 लाख श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। सुबह से दोपहर तक मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओं की 3 किमी से अधिक लंबी कतारें देखी गईं।
काशी विश्वनाथ धाम, वाराणसी: 5 लाख भक्तों के उमड़ने की संभावना
काशी नगरी में आज का दिन विशेष रहा। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए तड़के 3 बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए। सुबह 4 बजे मंगला आरती हुई, जिसमें बाबा को स्वर्ण मुकुट और राम नाम माला पहनाई गई। इसके तुरंत बाद भक्तों को दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई।
यहां भक्तों की 3 किलोमीटर लंबी कतार गंगा घाट तक फैल गई। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के स्वागत में फूलों की वर्षा की। सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल, एनडीआरएफ और स्वयंसेवी संगठन तैनात किए गए थे।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, आज दिनभर में 5 लाख से अधिक भक्तों के आने की संभावना है। जलाभिषेक के लिए एक-एक श्रद्धालु को सिर्फ एक सेकंड का समय दिया जा रहा है।
बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर: कांवरियों का उत्साह चरम पर
झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में सोमवार को सुबह 3 बजे कपाट खुले। इसके बाद सुबह 4 बजे कांचा जल और रुद्राभिषेक किया गया। मंदिर परिसर में बोल बम के जयकारों की गूंज रही।
सुबह 5 बजे तक मंदिर के बाहर 30 हजार से अधिक श्रद्धालु लाइन में लग चुके थे। मंदिर प्रशासन के मुताबिक आज लगभग 2 लाख भक्त बाबा के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर परिसर से करीब 4 किलोमीटर लंबी कतारें दिखीं।
देवघर आने वाले कांवरिए पहले सुलतानगंज से गंगाजल भरकर पैदल 100 किलोमीटर की यात्रा पूरी करते हैं और फिर बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पित करते हैं।
देशभर के अन्य प्रमुख शिव मंदिरों में भी उमड़ी भीड़
-
जयपुर, राजस्थान:
ताड़केश्वर महादेव मंदिर में सोमवार तड़के 151 किलो गाय के घी से अभिषेक किया गया। -
अहमदाबाद, गुजरात:
कोटेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने श्रावण मास के पहले सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना की। गुजरात में अमावस्या से श्रावण की शुरुआत होती है, इसलिए वहां यह पहला सोमवार है।
श्रावण मास का विशेष महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास शिव की उपासना का सबसे पावन महीना माना जाता है। इस दौरान हर सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। कांवड़ यात्रा, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और व्रत-उपवास जैसे धार्मिक अनुष्ठान इसी महीने में प्रमुख होते हैं।
इस वर्ष 11 जुलाई से शुरू हुआ श्रावण मास 9 अगस्त तक चलेगा। इस अवधि में कुल 5 सोमवार होंगे, जिनमें से आज तीसरा सोमवार है।
प्रशासन और श्रद्धालु: एक साथ
शिव भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए देशभर के मंदिरों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। मंदिर परिसरों में ड्रोन कैमरों से निगरानी, स्वास्थ्य शिविर, शुद्ध पेयजल, विश्राम स्थल और शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के बाहर LED स्क्रीन, लाइव दर्शन और जल वितरण के स्टॉल लगाए गए हैं।
कांवड़ यात्रा की धूम
उत्तर भारत के राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है। शिवभक्त कांवड़ लेकर पैदल ही गंगा से जल भरकर अपने नजदीकी शिवालयों तक जा रहे हैं।
भक्ति में डूबा भारत
सावन के तीसरे सोमवार पर देशभर के शिवालयों में जो नज़ारा देखने को मिला, वह शिवभक्ति और भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाता है। भीड़, कठिनाई और इंतजार के बावजूद हर भक्त के चेहरे पर श्रद्धा और संतोष साफ नजर आया।
भोलेनाथ के प्रति ऐसी आस्था और भक्ति ही भारत की सनातन परंपरा की पहचान है। सावन के शेष दो सोमवार और रक्षाबंधन पर्व आने वाले दिनों में मंदिरों में और अधिक भक्तों की भीड़ देखने को मिल सकती है।