नई दिल्ली | देश के Vice President जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है और चुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी। इस बीच, भाजपा में दो नामों की चर्चा सबसे ज़्यादा हो रही है — कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर

जगदीप धनखड़ ने अचानक दिया इस्तीफा

21 जुलाई की रात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 23 जुलाई को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। बता दें कि 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उनके इस्तीफे के बाद यह पद रिक्त हो गया, और चुनाव आयोग ने सिर्फ 3 दिन में चुनावी प्रक्रिया की दिशा में कदम बढ़ा दिए।

भाजपा के संभावित उम्मीदवार: थावरचंद गहलोत सबसे आगे

भाजपा इस पद के लिए अपने किसी अनुभवी, वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध और जातीय समीकरण में फिट बैठने वाले नेता को उम्मीदवार बना सकती है।
इस रेस में सबसे आगे नाम है थावरचंद गहलोत का, जो कर्नाटक के वर्तमान राज्यपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं।

  • वे मध्य प्रदेश से आते हैं और दलित समुदाय से संबंध रखते हैं।

  • उन्हें प्रशासनिक, संसदीय और संगठनात्मक अनुभव है।

  • भाजपा के पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं।

ओम माथुर का भी नाम चर्चा में

दूसरे संभावित नाम के तौर पर सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का नाम भी सामने आया है। वे भाजपा के पुराने संगठनकर्ता रहे हैं और पार्टी की विचारधारा के मजबूत समर्थक माने जाते हैं।

अगर भाजपा में सहमति नहीं बनी तो हरिवंश को मौका

सूत्रों के अनुसार, अगर एनडीए के भीतर भाजपा के किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाती, तो विकल्प के तौर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी मैदान में उतारा जा सकता है।

विपक्ष भी उतारेगा मज़बूत उम्मीदवार

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस बार विपक्ष की तरफ से भी एक मज़बूत प्रत्याशी आने की संभावना है। ऐसे में एनडीए इस चुनाव को गंभीरता से ले रही है और उम्मीदवार के अनुभव, कद और जातीय प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दे रही है।

उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाता है? जानिए पूरी प्रक्रिया —

1. निर्वाचक मंडल का गठन:
इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सांसद शामिल होते हैं।

2. अधिसूचना जारी:
निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों की अधिसूचना जारी करता है, जिसमें नामांकन से लेकर परिणाम तक की पूरी समय-सीमा होती है।

3. नामांकन प्रक्रिया:
उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावित और 20 सांसदों द्वारा समर्थित होना जरूरी है।

4. प्रचार:
प्रचार केवल सांसदों तक सीमित होता है। उम्मीदवार और उनके दल समर्थन जुटाने में लगते हैं।

5. मतदान:
हर सांसद एक गोपनीय मतपत्र पर उम्मीदवारों को प्राथमिकता क्रम (1, 2, 3…) में अंकित करता है।

6. मतगणना और परिणाम:
जिस उम्मीदवार को 50% से अधिक वैध मतों का समर्थन मिलता है, वह विजयी घोषित होता है।

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