नई दिल्ली (IANS)। वैभव सूर्यवंशी भारतीय क्रिकेट के नए सितारे हैं, जिन्होंने महज 14 साल की उम्र में अपनी प्रतिभा से दुनिया को चौंकाया है। जब आईपीएल-2025 के लिए वैभव सूर्यवंशी को 1.10 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स ने अपने साथ जोड़ा, तब किसी को यकीन नहीं था कि यह ‘बच्चा’ मैदान पर बड़े-बड़े कारनामे कर सकता है। वैभव आईपीएल खेलने वाले सबसे युवा क्रिकेटर बने।

उन्होंने 14 साल और 23 दिन की उम्र में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबला खेला। अपने पहले ही आईपीएल मैच में वैभव ने 20 गेंदों में 34 रन जड़ दिए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने आईपीएल-2025 में कुल 7 मैच खेले, जिसमें 36 की औसत के साथ 252 रन कूट दिए।

इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला। वैभव ने इन सात मुकाबलों में 24 छक्के और 18 चौके जड़ते हुए साबित कर दिखाया कि भले ही उनकी उम्र छोटी है, लेकिन उनके कंधों में काफी दमखम है। वैभव के खेल, उनकी निडरता और बल्लेबाजी के प्रति पॉजिटिव रुख ने सभी को प्रभावित किया है। वह लंबी रेस के घोड़े नजर आ रहे हैं। सूर्यवंशी को हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर भारत की अंडर-19 टीम में शामिल किया गया।

वैभव ने इस मौके को भी बखूबी भुनाया। उन्होंने पांच मुकाबलों की वनडे सीरीज में 48, 45, 86, 143 और 33 रन की पारी खेली। पांच जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे वनडे मैच में उन्होंने 78 गेंदों में 10 छक्कों और 13 चौकों की मदद से 143 रन जड़े। उन्होंने महज 52 गेंदों में शतक पूरा करते हुए इतिहास रचा। वैभव ‘यूथ वनडे’ में सबसे तेज शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बने। इसके साथ ही वैभव सूर्यवंशी ‘यूथ वनडे’ में शतक लगाने वाले सबसे युवा क्रिकेटर भी बन गए।

उन्होंने 14 साल और 100 दिन की उम्र में यह कारनामा करते हुए नजमुल हसन शांतो (14 साल और 241 दिन) के रिकॉर्ड को ध्वस्त किया। वैभव ने इस मैच में विहान मल्होत्रा (129) के साथ 219 रन की साझेदारी की। भारत ने इस मुकाबले को 55 रन से जीता। इंग्लैंड में वैभव सूर्यवंशी का जिस कदर बल्ला गरजा है, उसने साबित कर दिखाया है कि यह सलामी बल्लेबाज न सिर्फ भारतीय जमीं, बल्कि विदेशी परिस्थियों में भी अपनी चमक बिखेर सकता है। 27 मार्च 2011 को बिहार के समस्तीपुर में जन्मे वैभव सूर्यवंशी तेज गति से रन बनाने के लिए पहचाने जाते हैं।

क्रिकेट विशेषज्ञ उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की तुलना विश्व के महान क्रिकेटर्स के साथ करते हैं। कुछ को इनमें सचिन तेंदुलकर की झलक नजर आती है, जबकि कुछ इनमें ब्रायन लारा को तलाशते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ उन्हें पृथ्वी शॉ की गलतियों से भी सीख लेने की सलाह दे चुके हैं। वैभव सूर्यवंशी बतौर सलामी बल्लेबाज खेलते हैं, जिनका काम टीम को तेज शुरुआत दिलाना है।

वैभव का टारगेट भारत की सीनियर टीम में जगह बनाना है, जिसके लिए पहले उन्हें घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा। वैभव सूर्यवंशी बिहार की टीम से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने 13 साल और 269 दिन की उम्र में ‘लिस्ट-ए क्रिकेट’ में डेब्यू किया। इसी के साथ वह लिस्ट-ए क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा भारतीय क्रिकेटर बने।

बिहार की ओर से विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 में मध्य प्रदेश के खिलाफ मुकाबले में उतरने के साथ ही वैभव एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके थे। वह आधुनिक युग में ‘प्रथम श्रेणी क्रिकेट’ खेलने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी भी हैं। वैभव अंडर-19 स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वैभव सूर्यवंशी के प्रदर्शन को देखा जाए, तो उन्होंने पांच मुकाबलों की 10 पारियों में 10 की औसत से 100 रन बनाए हैं, जबकि छह लिस्ट-ए मैचों में उनके बल्ले से 22 की औसत के साथ 132 रन निकले हैं। आधुनिक क्रिकेट में फिटनेस एक अहम पैमाना है, जिसके लिए ‘यो-यो टेस्ट’ पास करना अनिवार्य है।

अगर वैभव सूर्यवंशी इसी जज्बे और जुनून के साथ अपनी फॉर्म-फिटनेस बनाए रखते हैं, तो उन्हें भविष्य में टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिल सकता है, जिसके लिए उन्हें घरेलू क्रिकेट में तपकर खुद को कुंदन बनाना होगा।

–आईएएनएस 

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