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कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव (Ranya Rao) को सोना तस्करी मामले में 20 मई 2025 को आर्थिक अपराधों की विशेष अदालत ने शर्तों के साथ जमानत दी है। हालांकि, अदालत से जमानत मिलने के बावजूद रान्या राव को अभी रिहा नहीं किया गया है और वे हिरासत में ही रहेंगी。
रान्या राव (Ranya Rao) को 3 मार्च 2025 को दुबई से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 14.2 किलोग्राम सोने की छड़ों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसकी अनुमानित कीमत ₹12.56 करोड़ बताई गई थी。इस मामले में रान्या राव की मां ने उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
रान्या राव (Ranya Rao) ने आरोप लगाया है कि हिरासत में उन्हें डीआरआई अधिकारियों द्वारा शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें 10-15 थप्पड़ मारे गए और जबरन बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला गया।
मामला कैसे शुरू हुआ?
कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव (Ranya Rao) को 3 मार्च 2025 को दुबई से बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतने ही समय पर गिरफ्तार किया गया जब उनके पास 14.2 किलोग्राम सोना बरामद हुआ। इसकी कीमत लगभग ₹12.56 करोड़ आंकी गई।
किस एजेंसी ने कार्रवाई की?
कार्रवाई राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा की गई, जिसे गुप्त सूचना मिली थी कि अभिनेत्री एक हाई-प्रोफाइल सोना तस्करी रैकेट का हिस्सा हैं।
मुख्य आरोप
रान्या राव (Ranya Rao) पर मुख्य रूप से यह आरोप है कि वह एक अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह से जुड़ी थीं और दुबई से भारत सोना लाने के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य कर रही थीं। जांच एजेंसियों के अनुसार, उन्होंने कई बार भारत और दुबई के बीच यात्रा की और हर बार निर्धारित सीमा से अधिक सोना अवैध रूप से लाया गया। यह भी सामने आया कि तस्करी के इस नेटवर्क में हवाला के जरिए धन का लेनदेन किया जाता था, जिससे वित्तीय लेनदेन का कोई वैध रिकॉर्ड नहीं रहता। आरोप यह भी है कि उन्होंने कस्टम अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की और तस्करी को छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। गिरफ्तारी के बाद रान्या राव ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन बयान दिलवाने के लिए डीआरआई अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया गया, लेकिन एजेंसियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
सह-आरोपी और पारिवारिक पृष्ठभूमि
रान्या राव (Ranya Rao) के साथ इस तस्करी मामले में उनके करीबी सहयोगी तरुण कोंडारू राजी को सह-आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है। तरुण पर आरोप है कि वह इस नेटवर्क में लॉजिस्टिक्स और हवाला ट्रांजैक्शन के प्रबंधन में सीधे तौर पर शामिल था। दोनों ने मिलकर दुबई से भारत में सोना लाने की कई योजनाएं बनाई थीं। इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब यह खुलासा हुआ कि रान्या राव के सौतेले पिता डॉ. के. रामचंद्र राव, एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी भूमिका पर भी संदेह जताया गया, और उन्हें कर्नाटक सरकार द्वारा अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है। यह आशंका है कि उनके प्रभाव का इस्तेमाल जांच को प्रभावित करने या रान्या को कानूनी सुरक्षा देने के लिए किया गया होगा। फिलहाल एक विशेष टीम उनकी भूमिका की जांच कर रही है। रान्या की मां ने उनकी रिहाई के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है।
कानूनी स्थिति
रान्या राव (Ranya Rao) और सह-आरोपी तरुण को अदालत ने ₹2 लाख के निजी मुचलके और दो जमानतदारों की शर्त पर जमानत दी है। हालांकि, प्रक्रियात्मक कारणों से अभी वे हिरासत में हैं। कोर्ट ने विदेश यात्रा पर रोक लगाई है और जांच में सहयोग करना अनिवार्य किया है। मामला DRI, ED और CBI द्वारा जांच के अधीन है।