नई दिल्ली, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने सोमवार को चुनाव आयोग से यह जानने की मांग की कि हरियाणा और महाराष्ट्र में 2009 से 2024 तक हुए विधानसभा चुनावों का विस्तृत डेटा कब सार्वजनिक किया जाएगा। राहुल ने यह सवाल एक्स (पूर्व ट्विटर) पर किया और चुनाव आयोग से डिजिटल फॉर्मेट में डेटा जारी करने की तिथि साझा करने को कहा।
इस पोस्ट के साथ Rahul Gandhi ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें यह जानकारी दी गई थी कि चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट को जनवरी 2025 तक यह डेटा देने का आश्वासन दिया है। हालांकि आयोग की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
राहुल का आरोप: महाराष्ट्र चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’, बिहार को लेकर भी जताई आशंका
Rahul Gandhi ने 7 जून को प्रमुख अखबारों में प्रकाशित अपने लेख में आरोप लगाया था कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ हुई थी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने पहले से तय जीत सुनिश्चित करने के लिए पांच चरणों वाली रणनीति अपनाई। साथ ही उन्होंने चेताया कि अगला टारगेट बिहार हो सकता है।
उन्होंने कहा, “जो टीम मैच फिक्सिंग करती है वो भले ही ट्रॉफी उठा ले, लेकिन इससे संस्थाएं कमजोर होती हैं और लोकतंत्र को गहरा नुकसान होता है।”
राहुल ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आयोग के जवाब देने की शैली पारदर्शी नहीं है। उन्होंने पूछा, “अगर आयोग के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे लेख में उठाए गए सवालों के जवाब क्यों नहीं दिए जा रहे?”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया: आरोप निराधार और अपमानजनक
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए तीन बिंदुओं में अपना पक्ष रखा:
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चुनावी कर्मचारियों का सम्मान: आयोग ने कहा कि इस तरह के आरोप हजारों ईमानदार कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का अपमान करते हैं जो चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने में दिन-रात जुटे रहते हैं।
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पारदर्शिता पर जोर: आयोग के अनुसार, चुनाव की हर प्रक्रिया – वोटर लिस्ट तैयार करना, मतदान और मतगणना – राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में होती है। ऐसे में ‘मैच फिक्सिंग’ के आरोप निराधार हैं।
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राजनीतिक फायदे के लिए संस्थान पर हमला: आयोग ने कहा कि जब चुनाव परिणाम किसी के पक्ष में नहीं आते, तो संस्था को बदनाम करना लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है।
फडणवीस का पलटवार: राहुल ने हार मान ली है
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि “राहुल गांधी चुनाव से पहले ही हार मान चुके हैं। ऐसे आरोप लगाकर वे खुद को झूठा दिलासा दे रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मतदाताओं का अपमान किया है।”
महाराष्ट्र चुनाव 2024: कौन कहां खड़ा था?
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को 288 में से 230 सीटें मिलीं, जिसमें:
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भाजपा: 132 सीट
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शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट): 57 सीट
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NCP (अजित पवार गुट): 41 सीट
वहीं कांग्रेस की अगुआई वाला महाविकास अघाड़ी सिर्फ 46 सीटें हासिल कर सका, जिसमें:
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कांग्रेस: 16 सीट
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शिवसेना (उद्धव गुट): 20 सीट
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NCP (शरद पवार): 10 सीट
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अन्य: 12 सीटें
वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो 2024 में 65.11% वोटिंग हुई, जो 2019 के मुकाबले 4% ज्यादा थी।
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर भी उठाया सवाल
Rahul Gandhi ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता खत्म करने के लिए मुख्य न्यायाधीश (CJI) की जगह केंद्रीय मंत्री को नियुक्ति समिति में शामिल कर दिया। उन्होंने पूछा, “कोई निष्पक्ष व्यक्ति को हटाकर सरकार का आदमी क्यों लाना चाहेगा?” इस कदम को उन्होंने संस्थानों पर कब्जे की साजिश बताया।
कांग्रेस का पुराना रुख: राहुल ने पहले भी लगाए थे आरोप
Rahul Gandhi इससे पहले तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग की भूमिका और निष्पक्षता पर सवाल उठाती रही है। अप्रैल में आयोग ने स्पष्ट किया था कि वोटर लिस्ट चुनाव से पहले सभी पार्टियों को दी जाती है और उसका हर चरण पूरी पारदर्शिता से संचालित होता है।
क्या आगे भी उठेगा सवाल?
Rahul Gandhi का यह सार्वजनिक सवाल एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया, आयोग की निष्पक्षता और सत्ता पक्ष के आचरण को लेकर राष्ट्रीय बहस छेड़ सकता है। जहां आयोग और सत्ताधारी दल इसे निराधार बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इस मुद्दे को लोकतंत्र से जोड़कर देख रहा है।
बढ़ता अविश्वास, घटती पारदर्शिता?
इस पूरे घटनाक्रम से एक सवाल फिर उभरता है – क्या भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत है? चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवाल, राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप और जनता की अपेक्षाएं, सभी मिलकर यह तय करेंगे कि भारतीय लोकतंत्र किस दिशा में आगे बढ़ेगा।