नई दिल्ली । PM नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों के बहुप्रतीक्षित दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत अफ्रीकी महाद्वीप के प्रगतिशील देश घाना से हो रही है। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की तीन दशकों में पहली घाना यात्रा है। इससे पहले 1957 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और 1995 में पीवी नरसिम्हा राव ने घाना का दौरा किया था।PM मोदी का यह दौरा भारत-अफ्रीका संबंधों में एक नए युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगी नई ऊर्जा
घाना में PM मोदी राष्ट्रपति जॉन महामा से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता व्यापार, कृषि, ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और वैक्सीन निर्माण जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। विशेष फोकस भारत के UPI और डिजिटल पेमेंट सिस्टम को घाना में लागू करने पर रहेगा। इससे दोनों देशों के बीच डिजिटल लेन-देन आसान और तेज़ होगा।
घाना संसद में भाषण और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात
PM मोदी घाना की संसद को संबोधित करेंगे — यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा घाना की संसद में पहला संबोधन होगा। साथ ही वे घाना में बसे करीब 15,000 भारतीयों को भी संबोधित करेंगे, जो अफ्रीका में भारत की सामाजिक और आर्थिक मौजूदगी को मज़बूत करते हैं।
स्टेट डिनर और प्रेस कॉन्फ्रेंस
घाना के राष्ट्रपति महामा प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में स्टेट डिनर आयोजित करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता एक साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे, जहां द्विपक्षीय साझेदारी को लेकर साझा बयान दिया जाएगा।
भारत ने कोविड संकट में घाना को दिया था वैक्सीन सहयोग
भारत और घाना के बीच वर्षों से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल के तहत घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन की आपूर्ति की थी।
घाना ने भी भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया है।
गांधी के आदर्शों से प्रेरित घाना की आजादी
घाना की आजादी का भारत से गहरा संबंध है। घाना के स्वतंत्रता सेनानी क्वामे एन्क्रूमा को ‘अफ्रीका का महात्मा गांधी’ कहा जाता है। अमेरिका में पढ़ाई के दौरान वे गांधीजी के विचारों से प्रेरित हुए और लौटकर उन्होंने देश में अहिंसक आंदोलन चलाया।
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1950 में एन्क्रूमा ने ‘पॉजिटिव एक्शन’ नाम से राष्ट्रीय हड़ताल का नेतृत्व किया।
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ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें जेल भेजा, लेकिन उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई।
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6 मार्च 1957 को घाना अफ्रीका का पहला स्वतंत्र देश बना, जिसने ब्रिटेन से आजादी हासिल की।
घाना की आजादी ने पूरे अफ्रीका में आज़ादी की लहर फैलाई, जिससे नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया जैसे कई देशों को स्वतंत्रता की प्रेरणा मिली।
भारत-घाना: रणनीतिक साझेदारी की ओर
भारत और घाना गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के पुराने सहयोगी हैं और संयुक्त राष्ट्र, कॉमनवेल्थ, और वैश्विक दक्षिण के मंचों पर मिलकर काम करते रहे हैं।
दोनों देश जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, खाद्य सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी एक राय रखते हैं।
आगे की यात्रा: चार और देशों का दौरा
घाना के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के अन्य पड़ाव होंगे:
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सिएरा लियोन
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नाइजीरिया
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फ्रांस
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कतर