भारत ने इंग्लैंड को ओवल के मैदान पर 6 रनों से हराकर टेस्ट क्रिकेट इतिहास में एक यादगार जीत दर्ज की। यह भारत की टेस्ट इतिहास में सबसे कम रनों के अंतर से आई जीत है। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी अब 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई। इस जीत ने न केवल भारतीय क्रिकेट टीम की जुझारूपन को दर्शाया, बल्कि कई व्यक्तिगत और सामूहिक प्रदर्शन इसे एक ऐतिहासिक मुकाबला बना गए।

आइए जानते हैं ओवल टेस्ट में भारत की ऐतिहासिक जीत के 5 सबसे बड़े कारण, जिन्होंने मुकाबले का रुख पूरी तरह पलट दिया।

 तेज गेंदबाजी में लीडर बने मोहम्मद सिराज

टेस्ट से पहले यह स्पष्ट हो चुका था कि नियमित कप्तान जसप्रीत बुमराह इस निर्णायक मुकाबले में नहीं खेलेंगे। ऐसे में मोहम्मद सिराज पर अतिरिक्त जिम्मेदारी थी, और उन्होंने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई।

  • सिराज ने मैच में 9 विकेट लिए — 5 पहली पारी में और 4 दूसरी पारी में।

  • उनकी लाइन और लेंथ इतनी सटीक थी कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया।

  • उनकी आक्रामक शारीरिक भाषा और आत्मविश्वास ने अन्य गेंदबाजों – प्रसिद्ध कृष्णा और आकाशदीप – में भी ऊर्जा भर दी।

टीम के भीतर एक स्पष्ट नेतृत्व दिखा, खासकर तेज गेंदबाजी विभाग में, जो पहले भारतीय टीम की कमजोरी मानी जाती थी।

 वाशिंगटन सुंदर और निचले क्रम का योगदान

भारत की पहली पारी 224 रनों पर सिमटी थी, और वो भी तब जब शुरुआती 6 विकेट 153 रनों पर गिर चुके थे। ऐसे में अगर निचले क्रम के बल्लेबाजों ने रन न जोड़े होते, तो भारत की स्थिति और भी खराब हो सकती थी।

  • निचले क्रम के बल्लेबाजों (7-11) ने पहली पारी में मिलकर 71 रन जोड़े।

  • दूसरी पारी में जब भारत मुश्किल में था, तब वाशिंगटन सुंदर ने 53 रनों की बेहद अहम पारी खेली।

  • सुंदर की पारी के बिना भारत 400 रनों के आसपास न पहुंच पाता और इंग्लैंड को एक छोटा लक्ष्य मिल जाता।

बल्लेबाजी में यह गहराई वही रणनीति है जिसे कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा लगातार सीरीज में आजमाते आए हैं — और इस निर्णायक टेस्ट में यही रणनीति काम आई।

 प्रसिद्ध कृष्णा ने दिया शानदार सपोर्ट

सिराज का प्रदर्शन भले ही सबसे ऊपर रहा, लेकिन यदि प्रसिद्ध कृष्णा ने उनका साथ न दिया होता, तो सिराज के विकेट अधूरे रह जाते।

  • कृष्णा ने टेस्ट मैच में 8 विकेट लिए — 3 पहली पारी में और 5 दूसरी पारी में।

  • उन्होंने इंग्लैंड के मिडिल ऑर्डर को बार-बार तोड़ा और गेंद को नई और पुरानी दोनों स्थिति में स्विंग कराया।

  • विशेषकर दूसरी पारी के अंतिम घंटे में उनकी गेंदें इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए चुनौती बन गईं।

इस प्रदर्शन ने दिखा दिया कि भारत के पास तेज गेंदबाजों की एक गहरी कतार तैयार हो रही है, जो विदेशी परिस्थितियों में भी असरदार साबित हो रही है।

नई गेंद न लेने का साहसिक निर्णय

अक्सर देखा गया है कि 80 ओवर पूरे होने के बाद टीम नई गेंद तुरंत लेती है, लेकिन इस टेस्ट में भारत ने पुरानी गेंद के साथ ही पांचवां दिन शुरू किया, जो एक साहसिक और रणनीतिक निर्णय था।

  • इंग्लैंड को अंतिम दिन सिर्फ 35 रन की जरूरत थी और उनके 3 विकेट शेष थे।

  • भारत ने नई गेंद लेने के बजाय पुरानी गेंद से ही गेंदबाजी जारी रखी, जिससे स्विंग और सीम मूवमेंट मिल रहा था।

  • इसका असर यह हुआ कि इंग्लिश बल्लेबाज बार-बार बीट होते रहे, और अंततः भारत ने 6 रनों से जीत हासिल की।

यदि भारत ने नई गेंद ली होती, तो गेंद के बल्ले से संपर्क की संभावना ज्यादा रहती और नतीजा अलग हो सकता था। यह निर्णय कोच और कप्तान की रणनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है।

यशस्वी जायसवाल का निर्णायक शतक

यशस्वी जायसवाल इस सीरीज में लगातार फ्लॉप हो रहे थे। पिछली 6 पारियों में वे 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके थे। ऐसे में निर्णायक टेस्ट की दूसरी पारी में उनका शतक भारतीय क्रिकेट के लिए संजीवनी बन गया।

  • जायसवाल ने दूसरी पारी में 118 रनों की पारी खेली, जिसमें 16 चौके और 2 छक्के शामिल थे।

  • जब भारत 23 रनों की पिछड़ से शुरुआत कर रहा था, तब जायसवाल ने स्थिरता प्रदान की।

  • उनके शतक की बदौलत भारत का स्कोर 396 रनों तक पहुंचा, और इंग्लैंड के सामने 420 रन का लक्ष्य रखा गया।

यह पारी उनके टेस्ट करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है, और इसने भारत को मानसिक बढ़त दिला दी थी।

मैच का स्कोरकार्ड (संक्षिप्त)

भारत – पहली पारी: 224 रन
इंग्लैंड – पहली पारी: 247 रन
भारत – दूसरी पारी: 396 रन
इंग्लैंड – दूसरी पारी: 414 रन (ऑल आउट)

भारत ने टेस्ट मैच 6 रनों से जीता।

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की बराबरी

इस टेस्ट सीरीज के अंत में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 की बराबरी पर रही। यह ट्रॉफी अब टेस्ट क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित द्विपक्षीय ट्रॉफियों में गिनी जा रही है।

  • पहला टेस्ट: भारत जीता

  • दूसरा टेस्ट: इंग्लैंड जीता

  • तीसरा टेस्ट: ड्रॉ

  • चौथा टेस्ट: इंग्लैंड जीता

  • पांचवां टेस्ट: भारत ने 6 रनों से जीता

विश्लेषण: क्या भारत नई टेस्ट ताकत बन गया है?

यह जीत कई स्तरों पर भारत के टेस्ट प्रदर्शन की परिपक्वता को दर्शाती है:

  • अब भारतीय टीम तेज पिचों और स्विंगिंग कंडीशंस में भी जीतने की आदत बना रही है।

  • युवा खिलाड़ियों — जायसवाल, सुंदर, कृष्णा — का प्रदर्शन भरोसा बढ़ा रहा है।

  • रोहित शर्मा की कप्तानी और टीम मैनेजमेंट की रणनीतिक सोच असरदार साबित हो रही है।

Share.

Owner & Editor: Sujeet Kumar

Registered Office:
B-87 A, Gayatri Nagar, Shankar Nagar,
Near Jagannath Mandir,
Raipur, Chhattisgarh – 492004

Contact Details:
Email: rivalsmedia2025@gmail.com
Mobile: +91-6260039085

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031

© 2025 Pioneer Digital Online. Designed by Nimble Technology.

Exit mobile version