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नई दिल्ली, 26 जून 2025 — भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘Operation Sindhu’ के तहत बुधवार को इजराइल से 224 भारतीय नागरिक सकुशल भारत लौट आए। इसी के साथ भारतीय दूतावास ने ईरान में चल रहे निकासी अभियान को औपचारिक रूप से बंद कर दिया है। यह निर्णय ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर (युद्धविराम) की घोषणा के बाद लिया गया।
इस अभियान के तहत कुल 3394 भारतीयों को दोनों देशों से सुरक्षित निकाला गया, जिनमें से एक बड़ी संख्या ईरान के मशहद और तेहरान शहरों से और दूसरी इजराइल के तेल अवीव, हाइफा और यरूशलेम जैसे इलाकों से लाई गई।
इजराइल से अंतिम फ्लाइट में 224 भारतीय लौटे
25 जून की रात और 26 जून की सुबह के बीच ऑपरेशन सिंधु की अंतिम फ्लाइट इजराइल से भारत पहुंची, जिसमें 224 भारतीय नागरिक सवार थे। इससे पहले मंगलवार रात को ईरान के मशहद शहर से 282 भारतीयों को लेकर एक फ्लाइट दिल्ली पहुंची थी। भारत सरकार ने इजराइल और ईरान में बिगड़ते हालात के बीच यह ऑपरेशन युद्धस्तर पर शुरू किया था।
भारतीय दूतावास ने ईरान से निकासी रोकी
भारतीय दूतावास, तेहरान ने 25 जून की देर रात एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि:
“अब जब दोनों देशों के बीच युद्धविराम हो गया है, हम निकासी अभियान समाप्त कर रहे हैं। निकासी के लिए बनाए गए पंजीकरण डेस्क को बंद किया जा रहा है।”
हालांकि दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि वे ईरान के हालात पर लगातार नजर रखेंगे और यदि किसी भी प्रकार का खतरा बढ़ता है, तो दोबारा रणनीति बदली जाएगी।
टेलीग्राम चैनल और हेल्पलाइन अब भी चालू
दूतावास ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जारी पोस्ट में कहा कि जो भारतीय अभी भी ईरान में मौजूद हैं, वे टेलीग्राम चैनल या हेल्पलाइन नंबर के जरिए दूतावास से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा:
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सद्र होटल, मशहद में 2 रातों तक (26 जून तक) के लिए कमरे सुरक्षित रखे गए हैं।
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जो भारतीय अन्य होटलों में ठहरे हैं, उन्हें कहा गया है कि वे सद्र होटल शिफ्ट हो जाएं।
लौटे नागरिकों की प्रतिक्रिया
यूपी के सैयद आदिल मंसूर, जो ईरान से ऑपरेशन सिंधु के तहत लौटे, उन्होंने कहा:
“हमारे लिए भारतीय दूतावास और ग्राउंड स्टाफ ने बेहतरीन व्यवस्था की। हम पूरी तरह सुरक्षित थे और सभी का धन्यवाद करते हैं।”
एक अन्य नागरिक ने बताया कि, “2-4 दिन पहले माहौल बेहद तनावपूर्ण था, लेकिन अब हालात सामान्य हो गए हैं। हमने डर का सामना किया, लेकिन भारतीय सरकार की मुस्तैदी ने राहत दी।”
ऑपरेशन सिंधु की पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत भारत सरकार ने उस समय की जब ईरान और इजराइल के बीच तनाव बेहद गंभीर हो गया था। दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले, ड्रोन स्ट्राइक और एयरस्पेस बंद होने की खबरें थीं। इससे भारत के हजारों नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी।
सरकार ने त्वरित निर्णय लेते हुए वायुसेना, एयर इंडिया, भारतीय राजनयिक मिशनों और रक्षा मंत्रालय के सहयोग से यह निकासी अभियान शुरू किया।
भारत के प्रमुख रेस्क्यू मिशन – एक नज़र
ऑपरेशन | वर्ष | स्थान | निकाले गए लोग | मुख्य उद्देश्य |
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ऑपरेशन गंगा | 2022 | यूक्रेन | 20,000+ | युद्ध से छात्रों की वापसी |
ऑपरेशन कावेरी | 2023 | सूडान | 3,800+ | सिविल वॉर में फंसे नागरिक |
ऑपरेशन अजायि | 2021 | अफगानिस्तान | 500+ | तालिबान से बचाव |
देवी शक्ति | 2021 | अफगानिस्तान | 800+ | सिखों-हिंदुओं की वापसी |
मित्र शक्ति | 2023 | तुर्किये | राहत कार्य | भूकंप राहत |
संजीवनी | 2020 | मालदीव | मेडिकल सहायता | COVID राहत |
ऑपरेशन सिंधु | 2025 | ईरान-इजराइल | 3394 | युद्धग्रस्त क्षेत्र से बचाव |
भारत सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है — चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में हों। यह ‘ग्लोबल सिटीजन प्रोटेक्शन’ की नीति को दर्शाता है, जिसके तहत न सिर्फ पड़ोसी देशों बल्कि मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और यूरोप तक से नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है।
संकट खत्म, सतर्कता जारी
हालांकि ऑपरेशन सिंधु अब समाप्त हो चुका है, लेकिन भारत सरकार और दूतावासों की सतर्कता अब भी जारी है। भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अभी भी सावधानी बरतें, सरकारी सलाह का पालन करें, और अनावश्यक यात्रा से बचें।