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नई दिल्ली- ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अब तक कुल 1,713 भारतीय नागरिकों को सफलतापूर्वक स्वदेश वापस लाया जा चुका है। रविवार देर रात एक और फ्लाइट मशहद से दिल्ली पहुंची, जिसमें 285 भारतीय नागरिक सवार थे।
अब तक कितने लोगों की वापसी हुई?
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19 जून: 110 नागरिक
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20 जून: 407 नागरिक
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21 जून: 600 नागरिक
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23 जून (रात): 285 नागरिक
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इजराइल से: 160 नागरिक (जो जॉर्डन के रास्ते भारत पहुंचेंगे)
एयरपोर्ट पर भावुक दृश्य
जैसे ही यह विमान नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से माहौल गूंज उठा। कई यात्री भावुक हो गए, किसी की आंखों में आंसू थे, तो कुछ ने जमीन पर माथा टेककर मातृभूमि को नमन किया।
क्या बोले भारत लौटे नागरिक?
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तहमीना: हमने सिर्फ दुआ की थी, सरकार ने उसे हकीकत बना दिया। सुविधाएं शानदार रहीं।
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मार्शल: जो भावनाएं भारत लौटकर महसूस हुईं, वो शब्दों से परे हैं।
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अशफाक: दूतावास की देखभाल अद्भुत थी, शुक्रगुजार हूं।
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उस्ताक (कश्मीर से): भारत सरकार और प्रशासन का धन्यवाद। हालात सच में खराब थे।
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सैयद निहाल हैदर: सरकार के इंतजाम से अब सुकून मिला है।
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फातिमा: पीएम मोदी की आभारी हूं, अब दिल को शांति मिली।
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एलिया बतूल: परिवार बहुत डरा हुआ था, अब राहत मिली है। दूतावास ने बहुत साथ दिया।
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सैयद मंसूर हुसैन: भारत लौटकर सभी ने सजदा किया, दिल से भारत से प्यार है।
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अलमास रिजवी (प्रयागराज): हमें अच्छे होटल और समय पर भोजन मिला, ऐसा नहीं लगा कि हम संकट में थे।
कैसे चला ऑपरेशन सिंधु?
ईरान में युद्ध जैसे हालात को देखते हुए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अपने नागरिकों की वापसी के लिए विशेष योजना बनाई।
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ईरानी एयरस्पेस से प्रतिबंध हटते ही भारत को अपने करीब 1000 नागरिकों को निकालने की अनुमति मिली।
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इन भारतीयों को तेहरान से माशहद लाकर, वहां से तीन विशेष चार्टर फ्लाइट्स के जरिए भारत भेजा गया।
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इन उड़ानों का संचालन ईरान की माहान एयरलाइन द्वारा किया गया।
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सभी यात्रियों को माशहद में अच्छे होटल, भोजन और मेडिकल सुविधाएं दी गईं।
इजराइल से भी चलाया गया रेस्क्यू
वहीं दूसरी तरफ इजराइल से 160 भारतीयों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जिन्हें जॉर्डन के रास्ते दिल्ली लाया जा रहा है। इजराइल में लगभग 40,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें अधिकतर छात्र, केयरगिवर और श्रमिक शामिल हैं।
आगे की योजना
ईरान में स्थित भारतीय दूतावास और मिशन प्रमुखों के अनुसार, अगर जरूरत पड़ी तो अगले कुछ दिनों में और चार्टर फ्लाइट्स चलाई जा सकती हैं ताकि बचे हुए भारतीयों को भी सुरक्षित निकाला जा सके।
‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत सरकार की तेज़ और संवेदनशील प्रतिक्रिया का उदाहरण है, जिसने मुश्किल हालात में भी अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की। लौटे नागरिकों की आंखों में राहत और गर्व साफ नजर आ रहा है। विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों की मुस्तैदी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि संकट की घड़ी में भारत अपने लोगों को कभी अकेला नहीं छोड़ता।