वाराणसी/उज्जैन। सावन का पहला सोमवार — और देशभर के शिवालय ‘बम-बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठे। काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर, सोमनाथ, केदारनाथ, बाबुलनाथ, शुक्रेश्वर समेत देशभर के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया।
काशी में भक्तों का महासागर, बाबा विश्वनाथ के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार रात से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। जैसे ही सोमवार सुबह मंदिर के कपाट खुले, बाबा विश्वनाथ की भव्य मंगला आरती और श्रृंगार दर्शन के साथ ही पूरा परिसर ‘हर हर महादेव’ के नारों से गूंज उठा। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी और मंदिर सीईओ ने स्वयं श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
श्रद्धालु प्रीति मिश्रा ने भावुक होकर बताया, “महादेव की कृपा से इतने अच्छे दर्शन मिले, ऐसा लग रहा है जैसे जीवन सफल हो गया।” वहीं कोलकाता से आए एक भक्त ने कहा, “हम 6-7 घंटे से लाइन में हैं, लेकिन बाबा के दर्शन बिना नहीं लौटेंगे।”
मंदिर के पुजारी के अनुसार, “बाबा का आज विशेष श्रृंगार और अभिषेक हुआ। देश-समाज की शांति और कल्याण की कामना की गई।”
कड़ी सुरक्षा, ड्रोन से निगरानी, हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात
वाराणसी प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। ड्रोन से गोदौलिया चौराहा, गंगा घाट और मंदिर परिसर की निगरानी हो रही है। क्यूआरटी, एटीएस कमांडो, घुड़सवार पुलिस, टूरिस्ट पुलिस की तैनाती की गई है। सभी अधिकारी मौके पर मुस्तैद हैं।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवभक्ति का भव्य दृश्य
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु नंदी द्वार से प्रवेश कर महालोक टनल, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर होते हुए कार्तिकेय मंडपम में बाबा महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था सभा मंडप और कार्तिकेय मंडपम में जलपात्रों के माध्यम से की गई है।
शीघ्र दर्शन टिकट धारकों को गेट नंबर 1 से प्रवेश दिया जा रहा है। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए आपातकालीन द्वार खोल दिए हैं और विशेष सुरक्षा बल तैनात किए हैं।
देशभर के प्रमुख शिव मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
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सोमनाथ मंदिर (गुजरात): रूद्राभिषेक और महाआरती के विशेष आयोजन, समुद्र किनारे स्थित मंदिर में भक्ति का अद्भुत समागम।
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बाबुलनाथ मंदिर (मुंबई): हजारों श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल-धूप अर्पित किया, खासकर कांवड़ यात्रियों के लिए विशेष लाइनें बनाई गईं।
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शुक्रेश्वर मंदिर (गुवाहाटी): पूर्वोत्तर भारत में शिवभक्ति का मुख्य केंद्र, मंदिर परिसर भजन-कीर्तन से गूंजता रहा।
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बैजनाथ धाम (देवघर): झारखंड के इस प्रसिद्ध शिवधाम में हजारों कांवड़िये जल लेकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन को पहुंचे।
कांवड़ यात्रा चरम पर, राज्य सरकारों की बड़ी तैयारी
उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा इस बार और भी व्यापक और संगठित रूप में देखने को मिली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड में लाखों कांवड़िये हरिद्वार, गंगोत्री और गौमुख से गंगाजल लेकर शिवालयों की ओर बढ़ते दिखे।
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प्रशासन ने विशेष रूट बनाए: कई शहरों में ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया।
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आपातकालीन मेडिकल टीम: श्रद्धालुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा शिविर और मोबाइल एम्बुलेंस तैनात।
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ड्रोन निगरानी: संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
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महिला पुलिस बल: मंदिर परिसर व प्रमुख मार्गों पर महिला सुरक्षा बल की तैनाती की गई है।
आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर देश, मंदिरों में भजन-संकीर्तन की गूंज
प्रत्येक मंदिर में सुबह से ही भजन, आरती और शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ गूंजता रहा। भक्तों ने बेलपत्र, आक, धतूरा, गाय का दूध, शहद, दही आदि से भोलेनाथ का अभिषेक कर विशेष पूजा अर्पित की। मंदिरों के बाहर लगाई गई भंडारा व्यवस्था में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
सावन के पहले सोमवार की झलकियां (लाइव अपडेट्स सेक्शन के लिए):
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📍 काशी: 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु सुबह 3 बजे से लाइन में, कपाट खुलने के साथ उमड़ा जनसैलाब।
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📍 महाकाल: भक्तों की सुविधा के लिए महाकाल टनल पहली बार पूर्ण क्षमता से प्रयोग में लाई गई।
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📍 सोमनाथ: समुद्र किनारे आरती के दौरान आकाश में उड़ते ड्रोन और धूप की लहराती रेखाएं।
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📍 हरिद्वार: गंगाजल लेकर बढ़ते कांवड़िये, हर हर गंगे के साथ शिव-भक्ति की पूर्णता।