डोडा । Jammu-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। पोंडा इलाके में डोडा-बराथ रोड पर एक मिनी बस के गहरी खाई में गिर जाने से 5 लोगों की मौत हो गई और 17 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। बस में कुल 22 लोग सवार थे। हादसे की वजह सड़क पर फिसलन बताई जा रही है।
हादसे में मौके पर 4 की मौत, 1 ने अस्पताल में तोड़ा दम
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे। चार शव मौके से बरामद किए गए, जबकि गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) के मुताबिक, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई घायलों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। घायलों को डोडा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ को जम्मू मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
डोडा-बराथ रोड पर हुआ हादसा, रेस्क्यू जारी
हादसा डोडा से बराथ की ओर जा रही एक मिनी बस के खाई में गिरने से हुआ। बताया जा रहा है कि सड़क पर बारिश के कारण फिसलन थी, जिससे ड्राइवर वाहन से नियंत्रण खो बैठा। बस सीधे करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है।
बीते दो महीनों में यह चौथा बड़ा हादसा
6 मई: पुंछ में बस हादसा, 2 की मौत, 45 घायल
पुंछ जिले के घानी मेंढर इलाके में एक पैसेंजर बस खाई में गिर गई थी। हादसे में 2 यात्रियों की मौत हो गई थी और 45 लोग घायल हो गए थे। बस मेंढर की ओर जा रही थी और खोड़ धारा मोड़ पर ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। घायलों को GMC राजौरी रेफर किया गया।
4 मई: रामबन में सेना की गाड़ी खाई में गिरी, 3 जवान शहीद
रामबन जिले के बैटरी चश्मा इलाके में सेना की एक गाड़ी खाई में गिर गई थी। गाड़ी जम्मू से श्रीनगर जा रही थी। 600 मीटर गहरी खाई में गिरने से 3 जवानों – अमित कुमार, सुजीत कुमार और मन बहादुर – की मौत हो गई थी।
10 अप्रैल: पुंछ में टाटा सूमो दुर्घटना, 9 घायल
10 अप्रैल को पुंछ जिले के मेंढर क्षेत्र में एक टाटा सूमो गाड़ी फिसलकर खाई में जा गिरी थी। हादसे में 7 महिलाएं सहित 9 लोग घायल हुए थे। गाड़ी करीब 100 मीटर नीचे खाई में गिरी थी।
लगातार हो रहे हादसों पर उठ रहे सवाल
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे सड़क हादसों को लेकर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें संकरी, फिसलन भरी और असुरक्षित हैं, जिन पर समय-समय पर मरम्मत नहीं होती, और सुरक्षा इंतजाम भी बेहद कमजोर हैं.