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13 जून की सुबह इस्राइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों पर एकतरफा हवाई हमला किया, जिसमें देश के कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई। इसके तुरंत बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश की रक्षा और रणनीतिक दिशा को संभालने के लिए नई सैन्य नियुक्तियों की घोषणा की।

मेजर जनरल अमीर हातमी को सेना की कमान

पूर्व रक्षा मंत्री मेजर जनरल अमीर हातमी को ईरानी सेना का नया प्रमुख कमांडर नियुक्त किया गया है। हातमी 2013 से 2021 तक रक्षा मंत्रालय की कमान संभाल चुके हैं और उन्हें रक्षा नीति, सैन्य आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है।

खामेनेई ने आदेश में लिखा,

“हातमी की निष्ठा, अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण के चलते हम उन्हें इस चुनौतीपूर्ण समय में सेना का नेतृत्व सौंपते हैं।”

चीफ ऑफ स्टाफ बने सैय्यद अब्दुलरहीम मौसवी

इस्राइली हमले में मेजर जनरल मोहम्मद होसैन बाघेरी की मौत के बाद, उनके स्थान पर मेजर जनरल सैय्यद अब्दुलरहीम मौसवी को ईरानी सशस्त्र बलों का चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया है। मौसवी पहले से ही सेना में उच्च रणनीतिक पदों पर कार्यरत रहे हैं और संकट प्रबंधन में उनका अनुभव अहम माना जाता है।

IRGC की कमान अब मोहम्मद पाकपुर के हाथ में

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के कमांडर जनरल होसैन सलामी की मौत के बाद, खामेनेई ने मेजर जनरल मोहम्मद पाकपुर को नया कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया है। पाकपुर इससे पहले IRGC ग्राउंड फोर्सेज का नेतृत्व कर चुके हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य अभियानों का लंबा अनुभव रखते हैं।

खतम अल-अनबिया मुख्यालय के प्रमुख बने अली शादमानी

लेफ्टिनेंट जनरल घोलामअली रशीद के निधन के बाद मेजर जनरल अली शादमानी को PBPUH (खतम अल-अनबिया) सेंट्रल कमांड का प्रमुख नियुक्त किया गया है। यह मुख्यालय रणनीतिक और रक्षा मामलों की शीर्ष योजना इकाई है, जो पूरे ईरान की सुरक्षा संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हमले में मारे गए शीर्ष सैन्य अधिकारी

इस्राइली हवाई हमलों में निम्नलिखित प्रमुख सैन्य अधिकारियों की मौत हुई है:

  • जनरल होसैन सलामी – पूर्व कमांडर, IRGC

  • जनरल मोहम्मद बाघेरी – पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ, सशस्त्र बल

  • जनरल आमिर अली हाजीजादेह – प्रमुख, IRGC एयर फोर्स

इन नेताओं की असामयिक मौत से ईरानी सैन्य ढांचे को गहरा धक्का पहुंचा है।

इस्राइली हमलों के पीछे की रणनीति

इस्राइली रक्षा बल (IDF) का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब है और यह इस्राइल तथा वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इसी को आधार बनाकर इस्राइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने के उद्देश्य से यह हमला किया।

Iran की जवाबी कार्रवाई

इस हमले के कुछ घंटों के भीतर ही ईरान ने तेल अवीव और अन्य इस्राइली शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। तेहरान का कहना है कि यह “वैध आत्मरक्षा” है और यदि इस्राइल फिर हमला करता है, तो जवाब और कठोर होगा।

क्षेत्रीय तनाव की स्थिति

इस ताज़ा घटनाक्रम से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, और चीन सहित कई देश इस स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह संघर्ष यदि कूटनीति के रास्ते हल नहीं हुआ, तो यह एक पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है।

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