कोलकाता,– कोलकाता के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुई आघातजनक सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निर्देश पर एक चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो तत्काल कोलकाता रवाना हो गई है।
जांच समिति में शामिल नेता:
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डॉ. सतपाल सिंह – पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुप्रसिद्ध कानूनविद
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मीनाक्षी लेखी – पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद
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बिप्लब देब – पूर्व मुख्यमंत्री त्रिपुरा एवं वर्तमान सांसद
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मनन कुमार मिश्रा – राज्यसभा सांसद एवं पूर्व बार काउंसिल अध्यक्ष
डॉ. सतपाल सिंह को इस समिति का संयोजक बनाया गया है। टीम कोलकाता पहुँचकर पीड़िता, उसके परिवार, कॉलेज प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर तथ्यों की निष्पक्ष पड़ताल करेगी।
आरोपी, गिरफ्तारी और प्रारंभिक रिपोर्ट
इस मामले में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा सहित कुल पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। प्रारंभिक चिकित्सा रिपोर्ट में पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, मुख्य आरोपी का संबंध एक छात्र राजनीतिक संगठन से बताया जा रहा है, हालांकि इस पर राजनीति गर्म है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा ने इस घटना को “राज्य सरकार की कानून व्यवस्था की विफलता” बताया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार से इस्तीफे की मांग की है। भाजपा नेता संबित पात्रा ने घटना को “राज्य प्रायोजित क्रूरता” करार देते हुए तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने आरोपी को संरक्षण प्रदान किया।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में कोलकाता में मशाल जुलूस निकाला गया, जिसे पुलिस ने रोक दिया और कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया।
टीएमसी का पक्ष
तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि आरोपी छात्र संगठन का सदस्य नहीं है। राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तेज़ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। राज्य मंत्री साशी पांजा ने कहा कि “हम घटना की निंदा करते हैं, और पुलिस ने 12 घंटे में कार्रवाई कर यह सिद्ध किया है कि सरकार गंभीर है।”
आगे की दिशा
भाजपा की जांच समिति पीड़िता से मिलने और घटना की सच्चाई जानने के बाद अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपेगी। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह मामला अब न केवल राज्य की कानून व्यवस्था, बल्कि छात्र सुरक्षा, महिला सुरक्षा और राजनीतिक पारदर्शिता जैसे कई अहम पहलुओं को छू रहा है।