नई दिल्ली | ईरान और इजराइल के बीच युद्ध के आसार अब और तेज़ हो गए हैं। बुधवार को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरेंडर की मांग को सिरे से खारिज करते हुए दुनिया को खुली चुनौती दे डाली। राष्ट्रीय टेलीविज़न पर प्रसारित उनके बयान ने मध्य-पूर्व के हालातों को और उबाल पर ला दिया है।

हम कभी नहीं झुकेंगे… अमेरिका और इजराइल दोनों को हमारे सब्र की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए,” – यही शब्द थे जो खामेनेई की आवाज़ में बिजली बनकर गूंजे।

 “जंग शुरू होती है”: खामेनेई का एलान, 25 मिसाइलों से जवाब

मंगलवार देर रात अयातुल्ला खामेनेई ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा –

जंग शुरू होती है। हम आतंकी इजराइल को कड़ा जवाब देंगे। उन पर कोई दया नहीं दिखेगी।

इस बयान के तुरंत बाद ईरान ने इजराइल की ओर 25 मिसाइलें दागीं। तेहरान के सैन्य विश्लेषकों का दावा है कि ये हमले आयरन डोम सिस्टम को चकमा देते हुए कई इजराइली ठिकानों तक पहुंचे।

इसके जवाब में इजराइल ने बुधवार सुबह तेहरान पर एयरस्ट्राइक की। ईरानी मीडिया के मुताबिक राजधानी के पूर्वी हिस्से में कई धमाकों की आवाजें सुनी गईं और आसमान में धुएं के गुबार छा गए।

 “ईरानी किसी की धमकी नहीं सुनते”: खामेनेई का सीधा हमला

ईरानी सुप्रीम लीडर ने अमेरिका को ललकारते हुए कहा:

अमेरिका को समझ लेना चाहिए, हम ईरानी किसी की धमकियों के आगे नहीं झुकते। हमने इतिहास में कई बार यह साबित किया है। इजराइल ने बड़ी गलती की है और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।

उन्होंने अमेरिका को चेताया कि अगर अमेरिकी सेना इजराइल के समर्थन में युद्ध में कूदी, तो “अंजाम बुरा होगा”

 ट्रम्प बोले- “हम जानते हैं खामेनेई कहां छिपे हैं, पर मारेंगे नहीं”

खामेनेई के जवाब से कुछ ही घंटे पहले ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth पर लिखा था:

ईरान के आसमान पर हमारा कब्जा है। हम जानते हैं कि सुप्रीम लीडर कहां छिपा है, लेकिन हम उसे मारेंगे नहीं।

उन्होंने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण (Unconditional Surrender)” की मांग की थी। यह ट्रम्प के तीखे तेवर और सैन्य शक्ति के प्रदर्शन की एक और बानगी थी।

 वॉट्सऐप डिलीट करने का आदेश; 585 मौतों की पुष्टि

इस टकराव का असर अब आम ईरानी नागरिकों पर भी दिखने लगा है। मंगलवार को ईरानी सरकार ने सभी नागरिकों को अपने स्मार्टफोन्स से WhatsApp डिलीट करने का आदेश दिया

सरकार ने आरोप लगाया कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए ईरानी नागरिकों की जानकारी इजराइली एजेंसियों तक पहुंचाई जा रही है।
हालांकि वॉट्सऐप ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उनका सिस्टम End-to-End Encryption पर आधारित है, और सर्वर भी यूज़र्स के संदेश नहीं पढ़ सकते।

साथ ही, वॉशिंगटन स्थित मानवाधिकार संगठन के मुताबिक अब तक संघर्ष में 585 लोग मारे जा चुके हैं, और 1,326 घायल हैं।
जबकि ईरानी सरकार ने आधिकारिक तौर पर सोमवार को बताया था कि 224 मौतें और 1,277 घायल हुए हैं।

 तेहरान फिर बमों से दहला, इजराइल की कबूलाहट

तेहरान के पूर्वी हिस्सों में बुधवार दोपहर जबरदस्त धमाकों की आवाजें सुनी गईं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि “धुआं और आग का मंजर काफी डरावना था।”

इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने तेहरान में ईरानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। IDF ने X पर लिखा:

हम केवल आत्मरक्षा कर रहे हैं। इजराइल को सुरक्षा खतरा उत्पन्न करने वाले हर तंत्र को निष्क्रिय करेंगे।

 भारत से समर्थन की उम्मीद, ईरानी डिप्लोमैट का बयान

ईरान ने भारत से कूटनीतिक समर्थन की अपेक्षा जताई है। भारत में तैनात ईरानी मिशन के डिप्टी चीफ मोहम्मद जवाद होसैनी ने कहा:

इजराइल के पास हमले का कोई वैध कारण नहीं था। हम भारत जैसे मित्र राष्ट्रों से इन हमलों की स्पष्ट निंदा की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने बताया कि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और ईरानी विदेश मंत्री के बीच हाल ही में इस मुद्दे पर बातचीत हुई है।

भारत ने इसपर अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन विदेश मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि भारत पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और शांति की अपील कर रहा है।

इजराइली PM की सुरक्षा कैबिनेट की आपात बैठक

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यरूशलम में बुधवार रात सुरक्षा कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई है। टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, यह बैठक भारतीय समयानुसार रात 12:30 बजे शुरू होगी।

यह बैठक ऐसे समय बुलाई गई है जब इजराइली सेना ईरान पर चौतरफा जवाबी हमलों की तैयारी में है और अमेरिका की रणनीतिक भूमिका पर भी चर्चा तेज़ हो रही है।

क्या तीसरा विश्व युद्ध करीब है?

विश्लेषकों का मानना है कि अगर अमेरिका और ईरान सीधे तौर पर युद्ध में शामिल हुए, तो यह संघर्ष सीमित नहीं रहेगा।
रूस, तुर्की, चीन और भारत जैसे देश भी इस लड़ाई में कूटनीतिक रूप से खिंच सकते हैं।

तेहरान यूनिवर्सिटी के रक्षा विशेषज्ञ डॉ. राशिद रज़ावी कहते हैं:

अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया, तो यह पूरा मिडिल ईस्ट ज्वालामुखी की तरह फट सकता है।

सरेंडर से इंकार, संघर्ष अनवरत

ईरान का अमेरिका को खुलेआम चुनौती देना और इजराइल पर प्रतिशोधात्मक मिसाइल हमले इस बात के संकेत हैं कि स्थिति अब नियंत्रण से बाहर जा रही है। वॉट्सऐप जैसे सामान्य ऐप पर प्रतिबंध, नागरिक हताहतों की संख्या, और अंतरराष्ट्रीय दबाव – यह सब बताता है कि ये सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीतिक संतुलन की परीक्षा बन चुका है।

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