नई दिल्ली : हरियाणा की 33 वर्षीय ट्रैवल व्लॉगर ज्योति रानी मल्होत्रा को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एनआईए, आईबी और हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच में यह सामने आया है कि ज्योति एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है, जिसमें सोशल मीडिया के प्रभावशाली व्यक्तियों का इस्तेमाल किया गया है।
झूठ और सबूत मिटाने की कोशिश
पूछताछ के दौरान ज्योति ने पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव दानिश के साथ अपने संबंधों के बारे में झूठ बोला। उसने दानिश के साथ की गई दो बार की चैट को पूरी तरह से डिलीट कर दिया, जिससे जांच एजेंसियों को शक हुआ कि इन चैट्स में गुप्त जानकारियां साझा की गई थीं। ज्योति के दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
अटारी बॉर्डर पर संदिग्ध गतिविधियां
ज्योति और आईएसआई अधिकारी अली हसन के बीच हुई वॉट्सऐप चैट में अटारी बॉर्डर पर अंडरकवर एजेंट्स की पहचान करने की कोशिश की गई थी। अली हसन ने ज्योति से कोड वर्ड में पूछा था कि जब वह अटारी बॉर्डर गई थी, तो वहां उसे कोई अंडरकवर एजेंट तो नहीं मिला, जिसे किसी खास प्रोटोकॉल के तहत एंट्री दिलाई गई हो।
अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और संदिग्ध संपर्क
जांच में सामने आया है कि ज्योति की पाकिस्तान के अलावा चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दुबई, थाईलैंड, नेपाल और भूटान की यात्राएं भी जांच के दायरे में हैं। 17 अप्रैल 2014 को वह बैसाखी त्योहार कवर करने के लिए पाकिस्तान गई थी, लेकिन त्योहार खत्म होने के बाद भी वह 20 दिनों तक पाकिस्तान में रुकी रही। इसके बाद वह चीन गई, जिससे एजेंसियों को शक है कि उसकी चीन यात्रा भी पहले से तय थी।
सोशल मीडिया के जरिए नेटवर्किंग
आईएसआई ने इस मॉड्यूल में सोशल मीडिया पर प्रभाव रखने वाले और स्वतंत्र तौर पर काम करने वालों को शामिल किया था। इनका काम खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के अलावा पाकिस्तान की एक झूठी तस्वीर पेश करना था।