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नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को “एक सोचा-समझा आर्थिक युद्ध” करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद कश्मीर की रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटन उद्योग को तबाह करना और घाटी की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना था।
जयशंकर ने यह बयान न्यूयॉर्क में न्यूजवीक मैगजीन के सीईओ देव प्रगाड़ से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल आम नागरिकों की जान लेने के लिए था, बल्कि घाटी में सांप्रदायिक तनाव फैलाने और आर्थिक अस्थिरता पैदा करने की गहरी साजिश थी।
“कश्मीर के पर्यटन पर हमला था”
विदेश मंत्री ने कहा:
“यह हमला पर्यटन पर हमला था, जो कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। आतंकियों की मंशा थी कि घाटी में डर का माहौल बनाया जाए, ताकि पर्यटक आना बंद कर दें और स्थानीय व्यापार ध्वस्त हो जाए।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमलावरों ने धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाकर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की।
“भारत अब न्यूक्लियर धमकियों से नहीं डरता”
जयशंकर ने इस बातचीत में पाकिस्तान की परमाणु धमकियों पर भी तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा:
“अब वो दौर चला गया जब हमें यह कहा जाता था कि दोनों देश परमाणु ताकतें हैं, इसलिए संयम जरूरी है। भारत अब डरने वाला नहीं है। अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम सीधा जवाब देंगे – आतंकियों को भी और उनके आकाओं को भी।”
जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत अब आतंकवादियों को बख्शने वाला नहीं और न ही पाकिस्तान को जो उन्हें फंडिंग और पनाह देता है।
Operation Sindoor: पहलगाम हमले का बदला
22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एयर स्ट्राइक की। भारतीय वायुसेना ने इस कार्रवाई में 7 शहरों में 9 आतंकी ठिकानों को 25 मिनट के भीतर तबाह कर दिया।
इस गुप्त ऑपरेशन को इतना सटीक बताया गया कि इसमें सिर्फ आतंकी ठिकाने नष्ट हुए, आम लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
पाकिस्तान की धमकी और भारत की प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर के बाद 9 मई की रात पाकिस्तान ने भारत पर बड़े हमले की धमकी दी। इस समय अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और कहा कि अगर भारत ने कुछ शर्तें नहीं मानीं, तो पाकिस्तान सैन्य हमला करेगा।
जयशंकर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा:
“भारत किसी भी धमकी से नहीं डरेगा और पूरी ताकत से जवाब देगा।”
उस रात पाकिस्तान ने एक सीमित हमला किया, जिसके जवाब में भारत ने तुरंत कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया दी।
अमेरिका ने मांगी बातचीत की गुहार
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि भारत की कार्रवाई के बाद अगले दिन अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने उन्हें फोन कर कहा कि पाकिस्तान अब बातचीत करना चाहता है। यह भारत के दृढ़ रुख और कूटनीतिक ताकत का नतीजा था।