अहमदाबाद । 12 जून को Ahmedabad से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि टेकऑफ के महज 32 सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजन बंद हो गए थे, जिससे वह नियंत्रण खो बैठा और एक इमारत से टकरा गया। इस दर्दनाक हादसे में 270 लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश यात्री थे। केवल एक यात्री जीवित बचा।
कैसे हुआ हादसा?
जांच के मुताबिक, विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद “RUN” मोड से “CUTOFF” मोड में चले गए।
जिसका मतलब है कि दोनों इंजनों को अचानक ईंधन मिलना बंद हो गया और वे एक-एक कर बंद हो गए।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज संवाद के अनुसार:
पायलट A: “तुमने फ्यूल बंद क्यों किया?”
पायलट B: “मैंने कुछ नहीं किया।”
इस संवाद से स्पष्ट है कि कॉकपिट में उस समय भ्रम और असमंजस की स्थिति थी।
क्या थी पायलटों की प्रतिक्रिया?
-
दोनों पायलटों ने फ्यूल स्विच दोबारा RUN में लाने की कोशिश की।
-
इंजन-1 कुछ हद तक फिर से चालू हुआ, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह बंद रहा।
-
उन्होंने आपातकालीन ऊर्जा स्रोत (APU) को भी सक्रिय किया, लेकिन विमान को स्थिर नहीं किया जा सका।
टेकऑफ के केवल 32 सेकंड में विमान हादसे का शिकार हो गया — इतने कम समय में पायलटों के पास स्थिति संभालने का मौका नहीं बचा।
क्यों हुए फ्यूल स्विच बंद?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच अपने आप CUTOFF मोड में कैसे चले गए?
अब तक की जांच में यह साफ हुआ है कि:
-
तकनीकी खराबी का कोई सीधा प्रमाण नहीं मिला है।
-
मौसम, पक्षी टकराव, या किसी साजिश जैसे पहलुओं को भी नकारा गया है।
-
यह या तो सिस्टम की खुद से हुई गड़बड़ी है या कोई अनजाने में हुआ कॉकपिट ऑपरेशन।
जांच एजेंसियां इस बिंदु पर गहराई से काम कर रही हैं।
एयर इंडिया का बयान
एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा:
“हम इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के साथ हैं और हरसंभव सहायता दे रहे हैं। रिपोर्ट में आए तथ्यों की पूरी तरह समीक्षा की जा रही है और हम जांच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।”
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि:
“बिना किसी इंसानी हस्तक्षेप के फ्यूल स्विच का CUTOFF मोड में चला जाना सामान्य बात नहीं है। सिस्टम डिज़ाइन या सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”