लखनऊ, 15 जुलाई 2025- कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर एक आपराधिक शिकायत की आज एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होनी है। यह मामला राहुल गांधी की सेना को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी से जुड़ा है, जिसमें शिकायतकर्ता और पूर्व सैनिक उदय शंकर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि उनके बयान ने भारतीय सेना की छवि को धूमिल किया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से मानसिक एवं सामाजिक आघात पहुंचाया है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद दिसंबर 2022 से जुड़ा है। 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस घटना के बाद रक्षा मंत्रालय और सेना ने आधिकारिक रूप से बयान जारी कर बताया था कि भारतीय सेना ने साहस के साथ चीनी सैनिकों का मुकाबला किया और उन्हें पीछे धकेल दिया।
लेकिन कुछ ही दिनों बाद, 16 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “चीन की सेना हमारे जवानों को पीट रही है और यह सच्चाई है।” यह बयान मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसी बयान को आधार बनाकर पूर्व फौजी उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक शिकायत दायर की है।
शिकायतकर्ता का पक्ष
पूर्व सैनिक उदय शंकर, जो सेना से रिटायर होने के बाद लखनऊ में रहते हैं, का कहना है कि इस बयान ने उन्हें गहरा मानसिक आघात पहुंचाया है। एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा,
“मैं एक रिटायर्ड सैनिक हूं। मुझे समाज में जो सम्मान मिलता था, वो राहुल गांधी के इस गैरजिम्मेदाराना बयान के बाद कम हो गया है। लोग ताने मारते हैं कि देखो चीन से पीटकर लौटे हैं। क्या ये भारतीय सेना के सम्मान पर सीधा हमला नहीं है?”
उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने यूपी पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उन्हें कोर्ट जाने की सलाह दी गई। इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी को कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। इस पर उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की।
कोर्ट की प्रक्रिया अब तक
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11 फरवरी 2025 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में अभियुक्त घोषित कर दिया था।
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24 मार्च 2025 को कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।
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इसके बावजूद राहुल गांधी पांच बार सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।
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आज यानी 15 जुलाई 2025 को उन्हें छठी बार समन भेजा गया है और उनकी उपस्थिति अनिवार्य बताई गई है।
उदय शंकर ने कहा कि राहुल गांधी ने कई बार वादा किया कि वह कोर्ट में आएंगे, लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर अनुपस्थित रहे। एक बार उन्होंने कहा कि वह रायबरेली में डीएम की बैठक में व्यस्त हैं।
“क्या एक सांसद कोर्ट के आदेश से अधिक किसी बैठक को समझता है? अगर वे उस समय खेद प्रकट कर देते, तो मैं कोर्ट नहीं आता। यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरी भारतीय सेना की प्रतिष्ठा का सवाल है,” – उदय शंकर ने कहा।
राजनीतिक हलकों में हलचल
यह मामला अब राजनीतिक रूप से भी गरमा गया है। विपक्ष इसे बोलने की आज़ादी पर हमला बता रहा है, जबकि सत्तापक्ष इसे सेना के अपमान से जोड़कर पेश कर रहा है। कोर्ट में सुनवाई के चलते राहुल गांधी की उपस्थिति को लेकर भी संशय बरकरार है।
कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मामला राहुल गांधी की सार्वजनिक छवि और उनके राजनीतिक करियर पर असर डाल सकता है, खासकर तब जब वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं।
कानूनी नजरिया
कानूनी जानकारों के अनुसार, किसी सार्वजनिक नेता द्वारा सेना या किसी अन्य संवेदनशील संस्थान पर की गई टिप्पणी यदि तथ्यात्मक रूप से गलत मानी जाती है और इससे समाज के एक वर्ग या संस्थान की छवि को नुकसान पहुंचता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 500 (मानहानि), 505 (अफवाह फैलाना) और 124A (राजद्रोह – यदि स्थिति गंभीर हो) जैसी धाराएं लगाई जा सकती हैं।
हालांकि, इस मामले में राजद्रोह जैसी धाराएं नहीं लगी हैं, लेकिन मानहानि और अफवाह फैलाने से जुड़ी धाराएं गंभीर हैं।
आज की सुनवाई पर टिकी निगाहें
कोर्ट की आज की कार्यवाही अहम मानी जा रही है। यदि राहुल गांधी कोर्ट में उपस्थित नहीं होते हैं, तो अदालत उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है। वहीं, अगर वह कोर्ट में पेश होते हैं और अपना पक्ष रखते हैं, तो यह न्यायिक प्रक्रिया की दिशा तय करेगा।
उदय शंकर ने कहा,
“आज राहुल गांधी अगर कोर्ट में आते हैं, तो यह न्याय की जीत होगी। बड़े नेताओं को यह समझना चाहिए कि उनके शब्द करोड़ों लोगों को प्रभावित करते हैं। खासकर जब सेना जैसे संस्थान की बात हो, तो अत्यधिक सावधानी और जिम्मेदारी जरूरी है।”