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कनाडा 18 जून : कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कननास्किस में आयोजित तीन दिवसीय G7 समिट का समापन वैश्विक संकटों की छाया में हुआ। अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच ईरान-इजराइल संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे मसलों पर सहमति नहीं बन सकी। समिट में भारत को विशेष गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया गया था।
मोदी बोले- भारत-कनाडा के संबंध महत्वपूर्ण, 10 साल बाद आया कनाडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G7 समिट में हिस्सा लिया और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से द्विपक्षीय मुलाकात की। मीटिंग के बाद मोदी ने कहा, “भारत और कनाडा के संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। मैं भारत को G7 में आमंत्रित करने के लिए आपका (कनाडाई प्रधानमंत्री) आभारी हूं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा आने और यहां के लोगों से जुड़ने का अवसर मिला।”
इस बातचीत के दौरान दोनों देशों ने हाई कमिश्नर को बहाल करने पर सहमति दी। गौरतलब है कि पिछले साल हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक रिश्तों में खटास आ गई थी, और दोनों देशों ने 6-6 डिप्लोमैट्स को निष्कासित कर दिया था।
निज्जर मामले पर कार्नी का जवाब टला
जब पत्रकारों ने कनाडा के प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उन्होंने पीएम मोदी से हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर बात की, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया। कार्नी ने कहा, “हमने कानून से जुड़े मुद्दों और सहयोग पर बात की है। वह मामला अदालत में है, इसलिए मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता।”
समिट पर छाया भू-राजनीतिक तनाव
इस बार का G7 सम्मेलन राजनीतिक अस्थिरता और टकराव की छाया में रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समिट के समाप्त होने से एक दिन पहले ही ईरान-इजराइल तनाव का हवाला देते हुए अचानक अमेरिका लौट गए। उनके इस फैसले ने G7 के साझा एजेंडे को झटका दिया। समिट में कोई संयुक्त घोषणा नहीं हुई, सिर्फ द्विपक्षीय बैठकें ही संभव हो सकीं।
जेलेंस्की भी निराश, प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी समिट में रूस पर दबाव बढ़ाने और ट्रम्प से आमने-सामने बात करने की उम्मीद से पहुंचे थे। लेकिन ट्रम्प के अचानक रवाना हो जाने के बाद जेलेंस्की ने भी अपनी प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस और कार्यक्रम रद्द कर दिए और जल्दी लौटने का फैसला किया।
मोदी की अन्य नेताओं से मुलाकातें
G7 समिट के दौरान पीएम मोदी की मुलाकात यूरोपीयन कमीशन की अध्यक्ष, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से भी हुई। मोदी और मेलोनी की दोस्ताना तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। पीएम मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भारत और इटली की दोस्ती और मजबूत होगी। हम अपने नागरिकों के हित में साथ काम करते रहेंगे।”
चांसलर मर्ज के साथ बातचीत में मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो रहे हैं और दोनों देश रक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।


विदेश सचिव का बयान: भारत-कनाडा रिश्ते पटरी पर
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी और पीएम कार्नी की बैठक बेहद सकारात्मक रही। उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों और उच्च स्तरीय संपर्कों को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी है। जल्द ही दोनों देश अपने-अपने हाई कमिश्नर को बहाल करेंगे।”
G7 की प्राथमिकता: AI, माइग्रेंट स्मगलिंग और जलवायु
हालांकि भू-राजनीतिक तनावों पर कोई संयुक्त बयान नहीं आया, लेकिन G7 देशों ने माइग्रेंट स्मगलिंग, जंगलों की आग, खनिज संसाधनों की सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे विषयों पर 6 साझा घोषणाएं कीं।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने समापन भाषण में कहा, “दुनिया परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। हमें जलवायु संकट, संघर्ष और तकनीकी असंतुलन जैसी चुनौतियों का मिलकर सामना करना होगा।”
G7 समिट 2025 एक ऐसे दौर में आया जब दुनिया में अस्थिरता और सैन्य तनाव तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि यह सम्मेलन कई प्रमुख मुद्दों पर आम राय नहीं बना सका, लेकिन भारत जैसी उभरती शक्ति की सक्रियता और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई। भारत-कनाडा संबंधों में आई नई नरमी, भविष्य की संभावनाओं की ओर संकेत करती है।