रायपुर । CM विष्णु देव साय ने आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं के तहत विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह सत्र पूरी तरह से विकास, पारदर्शिता और जवाबदेही को समर्पित रहेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार सदन में पूरी तैयारी के साथ उतरेगी और जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा को तैयार है। मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्ष ने सत्र के दौरान सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई है। उनके इस बयान से यह संदेश भी गया है कि सत्ता पक्ष विपक्ष की आलोचना से घबराने वाला नहीं है, बल्कि संवाद और जवाबदेही के साथ आगे बढ़ना चाहता है।
14 से 18 जुलाई तक चलेगा सत्र, केवल पांच कार्यदिवस
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से 18 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। हालांकि सत्र छोटा है, लेकिन राजनीतिक हलचलों और टकराव की संभावना बेहद ज़्यादा है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार सरकार कई अहम विधेयक पेश कर सकती है और अनुपूरक बजट भी लाया जा सकता है।
राजस्व और पर्यावरण विभाग से जुड़े विधेयक होंगे पेश
राज्य सरकार की ओर से इस बार विधानसभा में राजस्व, आवास, और पर्यावरण विभाग से संबंधित नए विधेयक या पुराने कानूनों में संशोधन प्रस्तुत किए जा सकते हैं। इसके अलावा कृषि, शहरी विकास, और पंचायती राज जैसे विभागों से जुड़े मामलों पर भी चर्चा संभव है।
विधानसभा सूत्रों के अनुसार, अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा जिसमें विभिन्न विकास योजनाओं और नई घोषणाओं के लिए राशि का प्रस्ताव रखा जाएगा।
विपक्ष की आक्रामक तैयारी: हर दिन स्थगन प्रस्ताव लाने की रणनीति
मुख्यमंत्री की सधी हुई भाषा के विपरीत, विपक्ष ने इस सत्र को लेकर एक आक्रामक रणनीति अपनाई है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना में है। इसके तहत विपक्ष सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की कोशिश करेगा:
विपक्ष किन मुद्दों पर घेरेगा सरकार?
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विभागों में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियां
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कानून-व्यवस्था की स्थिति
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बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था
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महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं
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चुनावी वादों की समीक्षा
विपक्ष की रणनीति पर अंतिम मुहर आगामी विधायक दल की बैठक में लगेगी। कांग्रेस हाईकमान ने विपक्षी विधायकों को निर्देश दिए हैं कि सरकार को सदन में कठघरे में खड़ा किया जाए।
मानसून सत्र का संभावित शेड्यूल
तारीख | बैठक | संभावित कार्यवाही |
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14 जुलाई | 1st | राज्यपाल का अभिभाषण, विधेयकों की प्रस्तुति |
15 जुलाई | 2nd | प्रश्नकाल, स्थगन प्रस्ताव, चर्चा |
16 जुलाई | 3rd | विधेयकों पर बहस |
17 जुलाई | 4th | अनुपूरक बजट प्रस्तुति |
18 जुलाई | 5th | बजट पारित, समापन |
हालांकि बीजेपी सत्ता में है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पार्टी के कुछ विधायक प्रशासनिक कामकाज में ढिलाई, जनसुनवाई में कमी और स्थानीय विकास योजनाओं की धीमी रफ्तार को लेकर सरकार से असंतुष्ट हैं। ऐसे में सत्ता पक्ष के अंदर भी कुछ कटु सवाल उठ सकते हैं।
यह स्थिति सरकार के लिए अंदर-बाहर दोनों मोर्चों पर सजग रहने की मांग करती है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से क्यों अहम है यह सत्र?
यह मानसून सत्र 2024 विधानसभा चुनाव के बाद पहला पूर्णकालिक सत्र है। ऐसे में यह सत्र:
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सरकार के कामकाज की पहली परीक्षा होगा
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विपक्ष की भूमिका और धार को भी परखेगा
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विधायकों के जनता से जुड़े सवालों पर सरकार की प्रतिक्रिया तय करेगा
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और आने वाले उपचुनावों/स्थानीय निकाय चुनावों के लिए माहौल भी बना सकता है