नई दिल्ली | संसद के मानसून सत्र के आठवें दिन राज्यसभा में ‘Operation Sindoor’ को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने सिंधु जल संधि पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, संधि पर अमल नहीं होगा।

पाकिस्तान पर सीधा हमला: जयशंकर का तीखा बयान

विदेश मंत्री ने कहा,

“हम पाकिस्तान का सच पूरी दुनिया के सामने लाएंगे। सिंधु जल संधि का इतिहास बताता है कि भारत ने उदारता दिखाई, लेकिन अब वक्त बदल चुका है। आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।”

जयशंकर ने संधि को “इतिहास की सबसे असाधारण रचनाओं” में से एक बताया और कहा कि

“कोई भी देश अपनी नदियों का जल बिना अधिकार दिए नहीं छोड़ता।”

खड़गे का कटाक्ष: ‘एक व्यक्ति को भगवान मत बनाइए’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:

“लीडरशिप का मतलब है जिम्मेदारी लेना, किसी और को दोष देना नहीं। प्रधानमंत्री मोदी 11 साल में कभी बहस में नहीं आते। वे खुद सामने नहीं आते, अपने मंत्रियों को आगे कर देते हैं। लोकतंत्र में चुनाव जीतकर आए हैं, पूजा का पात्र नहीं बनना चाहिए।”

गोगोई और अखिलेश की चिंता: अमेरिका-भारत संवाद पर सवाल

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूछा,

“क्या प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कोई संवाद नहीं था? मार्को रुबियो और जयशंकर के बीच कोई बातचीत क्यों नहीं हुई?”
उन्होंने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए।

वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने चीन को लेकर चिंता जताई:

“सिर्फ पाकिस्तान को निशाना बनाना काफी नहीं है, असली दुश्मन उसके पीछे खड़ा है – चीन। भारत कब तक हर संकट में उलझता रहेगा?”

लोकसभा में भी गूंजा ऑपरेशन सिंदूर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस की शुरुआत मंगलवार को लोकसभा में हुई थी, जहां विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच कड़ी तकरार हुई। जेडीयू सांसद संजय कुमार झा, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। जेपी नड्डा आज राज्यसभा में करीब 3 बजे इस पर बोलेंगे, जबकि गृह मंत्री अमित शाह समापन भाषण दे सकते हैं।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई लक्षित कार्रवाई है, जिसे सीमावर्ती क्षेत्रों में हालिया आतंकी हमलों के जवाब में अंजाम दिया गया। इस ऑपरेशन को लेकर सरकार ने सीमित जानकारी साझा की है, लेकिन इसे “सर्जिकल स्ट्राइक 3.0” के रूप में देखा जा रहा है।

\संसद में राष्ट्रहित बनाम राजनीति

इस बहस ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को केंद्र में ला दिया है। जहां सरकार पाकिस्तान और आतंकवाद पर सख्ती दिखाने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रहा है।

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