मैनपाट , छत्तीसगढ़) — छत्तीसगढ़ के मैनपाट की पहाड़ियों में BJP का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा है, जिसे पार्टी नेतृत्व ने संगठन को “नई ऊर्जा” देने का प्रयास बताया है। यहां एक ओर भ्रष्टाचार पर सख्त नसीहतें दी जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर योग और अनुशासन के जरिए पार्टी के भीतर ‘संस्कार और साधना’ की झलक देखने को मिल रही है।
शिविर के दूसरे दिन मंगलवार को सुबह की शुरुआत योग अभ्यास से हुई, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, सभी मंत्री और सांसद-विधायक योग करते नजर आए। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आज मैनपाट पहुंचे, हालांकि वह अभी तक औपचारिक बैठक में शामिल नहीं हुए हैं।
जेपी नड्डा की ‘क्लास’: व्यवहार सुधारो, भ्रष्टाचार से दूर रहो
शिविर के पहले दिन सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंद कमरे में सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को संबोधित किया। बैठक में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित था, जिससे स्पष्ट हो गया कि नेतृत्व इस सत्र को आंतरिक अनुशासन और आत्ममंथन का गंभीर अवसर मान रहा है।
नड्डा के प्रमुख निर्देश:
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जनता के बीच जाने में शर्मिंदगी न हो, व्यवहार विनम्र और जनोन्मुखी हो।
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भ्रष्टाचार की कोई शिकायत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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मीडिया में बयान सोच-समझकर दें, जिससे पार्टी की छवि प्रभावित न हो।
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अनावश्यक टिप्पणियों से बचें, विपक्ष के दुष्प्रचार का तथ्यात्मक जवाब दें।
नड्डा के बताए ‘5 मंत्र’:
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समाज, संगठन और सरकार — तीनों के प्रति जागरूकता और संतुलन जरूरी।
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संगठन एक आंदोलन है — केवल चुनावी मशीन नहीं, सेवा और मूल्य आधारित आंदोलन।
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संगठन और सरकार में सामंजस्य — चुने हुए प्रतिनिधियों को संगठन से सतत संवाद बनाए रखना चाहिए।
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बूथ से भारत तक — हर कार्यकर्ता को सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना है।
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प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं — यह नेतृत्व गढ़ने और संगठन को मजबूत करने की कार्यशाला है।
‘एक पेड़ मां के नाम’ — पर्यावरण से जुड़ी पहल
नड्डा ने शिविर स्थल कमलेश्वरपुर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पेड़ लगाया। इसी दौरान मंत्रियों और विधायकों ने भी आम, सिंदूर, रुद्राक्ष जैसे पौधे रोपे। भाजपा इसे सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव की पहल मान रही है।
योग से शुरुआत, ‘सरगुजिया पगड़ी’ से एकता का संदेश
प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हर सुबह योग सत्र से की जा रही है। प्रशिक्षकों ने फेफड़ों को मजबूत रखने वाले आसनों की जानकारी दी। सभी नेता पूरी तन्मयता से योग करते दिखे।
इसके अलावा, सभी नेताओं को सरगुजा की पारंपरिक लाल-सफेद पगड़ी पहनाई गई — यह गोंड-आदिवासी परंपरा का हिस्सा है। एकजुटता और क्षेत्रीय संस्कृति से जुड़ाव का यह दृश्य कार्यकर्ताओं के बीच समानता और एकजुटता का प्रतीक बनकर उभरा।
शिवराज सिंह चौहान पहुंचे, बैठक में जल्द होंगे शामिल
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान दोपहर को मैनपाट पहुंचे। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। वे अभी तक प्रशिक्षण सत्र में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे मंगलवार देर शाम या बुधवार सुबह नेताओं को संबोधित कर सकते हैं।
नेताओं की ‘स्कूली अनुशासन’ जैसी दिनचर्या
सभी जनप्रतिनिधि यहां एक छात्र की तरह व्यवहार कर रहे हैं। फिक्स समय पर सत्र, निर्धारित पंक्तियों में बैठना, ग्रुप फोटो सेशन में कतारबद्ध होना — यह सब दर्शाता है कि भाजपा अपने शीर्ष नेताओं के सामने आंतरिक अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन करना चाहती है।
अंतिम दिन आएंगे अमित शाह
9 जुलाई को इस प्रशिक्षण शिविर का समापन होगा, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल होंगे। शाह का सत्र ‘जनता के बीच प्रभावी नेतृत्व’ और ‘विपक्षी हमलों का जवाब’ जैसे विषयों पर केंद्रित रहेगा।
अंतिम दिन महापौरों और नगर निगम प्रतिनिधियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा — जिससे स्पष्ट है कि भाजपा सिर्फ शीर्ष नेतृत्व पर नहीं, बल्कि स्थानीय इकाइयों को भी एकीकृत रणनीति में लाना चाहती है।
भाजपा का ‘मैनपाट मॉडल’ — अनुशासन, विचार और संवाद
छत्तीसगढ़ के इस प्रशिक्षण शिविर ने यह साबित किया है कि भाजपा अब वोट की राजनीति से ऊपर उठकर संगठन को वैचारिक, रणनीतिक और नैतिक रूप से तैयार करने की दिशा में काम कर रही है।
नड्डा की सख्त चेतावनियाँ, सांस्कृतिक एकता, और आध्यात्मिक अनुशासन—इन तीनों पहलुओं ने मैनपाट शिविर को सिर्फ एक राजनीतिक बैठक नहीं, बल्कि पार्टी के आत्मनिरीक्षण और नवगठन का केंद्र बना दिया है।