नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहुप्रतीक्षित अंतरिक्ष उड़ान एक बार फिर टाल दी गई है। अमेरिका की कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में तकनीकी खामी की वजह से Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण रोक दिया गया है। यह चौथी बार है जब इस मिशन को स्थगित करना पड़ा है।
क्या हुआ तकनीकी खराबी?
रॉकेट की लॉन्चिंग से पहले किए गए हॉट फायर टेस्ट के दौरान इंजीनियरों को लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) का रिसाव मिला। यह रिसाव रॉकेट के बूस्टर सेक्शन में देखा गया। इसके बाद स्पेसएक्स ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लॉन्च रोकने का फैसला लिया।
स्पेसएक्स और इसरो का बयान
स्पेसएक्स ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि टीम को लीक ठीक करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए। वहीं इसरो ने भी इस देरी की पुष्टि करते हुए कहा कि लीक की मरम्मत और जरूरी परीक्षणों के बाद ही अगली लॉन्चिंग तारीख तय की जाएगी।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं। वह इस मिशन में बतौर पायलट जा रहे हैं और आईएसएस (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) तक भारत के प्रतिनिधि के रूप में जाएंगे। यदि मिशन सफल होता, तो राकेश शर्मा के बाद वह अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनते।
चार बार क्यों टला मिशन?
पहली बार मौसम खराब होने के कारण मिशन टला। दूसरी बार तेज़ हवाएं और बारिश आड़े आई। तीसरी बार कुछ तकनीकी कारणों से रोक लगी। अब चौथी बार लिक्विड ऑक्सीजन लीक की वजह से लॉन्च स्थगित किया गया है।
क्या है एक्सिओम-4 मिशन?
एक्सिओम-4 एक प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन है, जिसे अमेरिका की एक्सिओम स्पेस कंपनी संचालित कर रही है। यह मिशन स्पेसएक्स, नासा, एक्सिओम और इसरो के संयुक्त सहयोग से हो रहा है। इसका लक्ष्य अंतरिक्ष यात्रियों को 14 दिनों के लिए आईएसएस भेजना है, जहां वे वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
मिशन के वैज्ञानिक उद्देश्य
इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े कई प्रयोग करेंगे, जैसे:
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अंतरिक्ष में पौधों की खेती
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शरीर पर माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव
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दवाओं और बैक्टीरिया की जांच
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जैविक संरचना पर अध्ययन
इन प्रयोगों में भारत के प्रतिष्ठित संस्थान जैसे IISc, IIT और ISRO के रिसर्च भी शामिल हैं।
भारत के लिए क्यों खास है यह मिशन?
यह मिशन 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद भारत की अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक है। इसके जरिए भारत अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को दुनिया के सामने फिर से साबित कर रहा है। साथ ही, भारत की उपस्थिति अब सिर्फ सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि प्राइवेट साझेदारियों में भी दिख रही है।
नई लॉन्चिंग तारीख कब होगी?
फिलहाल, कोई नई तारीख घोषित नहीं की गई है। स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस ने कहा है कि मरम्मत पूरी होने और रेंज उपलब्ध होने के बाद नई लॉन्च तारीख का ऐलान किया जाएगा।
मिशन से देश को क्या उम्मीदें?
यह मिशन भारत के युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा। साथ ही, भविष्य में भारत के अपने अंतरिक्ष मिशन जैसे गगनयान और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग के रास्ते भी खोल सकता है।
अब सबकी निगाहें अगली तारीख पर
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम अब अगली लॉन्चिंग विंडो का इंतज़ार कर रहे हैं। देशवासियों की उम्मीदें भी बनी हुई हैं कि अगली बार तकनीकी दिक्कतें न आएं और भारत के यह गगनयात्री सफलता के साथ अंतरिक्ष की उड़ान भरें।