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नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे कूटनीतिक तनाव के बीच चीन ने दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का अहसास कराया है। चीन ने अपनी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) DF-5B को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया है। यह मिसाइल इतनी शक्तिशाली है कि जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों से लगभग 200 गुना अधिक विनाशकारी मानी जाती है।
क्या है DF-5B मिसाइल?
DF-5B यानी Dongfeng-5B, चीन की दूसरी पीढ़ी की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जो पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसे पहली बार 1980 के दशक में विकसित किया गया था, लेकिन समय के साथ इसमें कई अत्याधुनिक तकनीकों को जोड़ा गया है।
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रेंज: लगभग 12,000 किलोमीटर
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वारहेड: इसमें Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles (MIRVs) लगे होते हैं, यानी एक ही मिसाइल कई निशानों पर एक साथ हमला कर सकती है।
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विनाशक क्षमता: इसमें 3 से 10 परमाणु वारहेड हो सकते हैं, जिनकी सामूहिक शक्ति 4 से 5 मेगाटन तक मानी जाती है। तुलना करें तो हिरोशिमा पर गिराया गया बम महज़ 15 किलोटन का था।
क्यों की गई ये मिसाइल प्रदर्शनी?
चीन ने यह प्रदर्शन ऐसे समय पर किया है जब दक्षिण एशिया में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य और राजनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, चीन का यह कदम क्षेत्र में अपनी मौजूदगी और दबदबे को दिखाने के लिए है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की “मसल शो ऑफ डिप्लोमेसी” यानी सैन्य शक्ति के ज़रिये राजनयिक दबाव बनाने की नीति का हिस्सा है। बीजिंग को आशंका है कि भारत यदि पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव की ओर बढ़ता है तो इसका असर चीन की सुरक्षा रणनीति और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर भी पड़ेगा।
अमेरिका और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने DF-5B की क्षमता को “अत्यधिक गंभीर” श्रेणी में रखा है। भारत के लिए भी यह चेतावनी की तरह देखा जा रहा है, खासकर उस वक्त जब वह पाकिस्तान के साथ सीमित युद्ध या नियंत्रण रेखा पर जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर विचार कर रहा है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, चीन का यह कदम सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि वह यह संकेत देना चाहता है कि वह परमाणु ताकत का संतुलन बनाए रखने के लिए हर स्तर पर तैयार है।
भारत की तैयारी
हालांकि भारत भी परमाणु हथियारों से लैस है और उसके पास अग्नि-5 मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 5,000 किलोमीटर है और वह चीन के अधिकांश हिस्से तक पहुंच सकती है। इसके अलावा भारत के पास परमाणु त्रय (nuclear triad) की भी क्षमता है, यानी वह हवा, ज़मीन और पानी—तीनों माध्यमों से परमाणु हमला कर सकता है।
वैश्विक चिंता
चीन के इस कदम से सिर्फ भारत और अमेरिका ही नहीं, बल्कि जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी चिंतित हैं। एशिया में पहले से ही सैन्य तनाव बना हुआ है, और ऐसे समय में परमाणु शक्ति का सार्वजनिक प्रदर्शन क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ख़तरा बन सकता है।