नई दिल्ली | देश की प्रमुख विमानन कंपनी Air India एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बीते कुछ दिनों में कंपनी की दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तकनीकी खराबियों के चलते रद्द या डायवर्ट करना पड़ा। सबसे हालिया मामला फ्लाइट AI180 का है, जो सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रही थी और उसे कोलकाता में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।
यह घटना न केवल यात्रियों की जान पर बन आई स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि शायद कंपनी की तकनीकी निगरानी और सुरक्षा प्रबंधन में कहीं न कहीं गंभीर कमी है।
क्या हुआ AI180 फ्लाइट में?
AI180, जो एक Boeing 777-200LR विमान था, ने 16 जून को सैन फ्रांसिस्को से उड़ान भरी। यह फ्लाइट आमतौर पर मुंबई तक बिना रुके चलती है, लेकिन रास्ते में इंजन में तकनीकी खराबी का संकेत मिलने पर पायलट ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कोलकाता में इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी।
लगभग 250 यात्रियों को लेकर आ रहे विमान ने 17 जून की तड़के करीब 5:20 बजे कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित लैंडिंग की। यात्रियों को उतारा गया और विमान की जांच शुरू की गई।
राहत की बात: कोई जनहानि नहीं
सभी यात्री सुरक्षित हैं और किसी को कोई चोट नहीं आई। एयर इंडिया ने यात्रियों को होटल और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ वैकल्पिक फ्लाइट देने का दावा किया है। क्रू की त्वरित प्रतिक्रिया और पायलट के सूझ-बूझ की सराहना की जा रही है।
एक यात्री ने कहा:
“विमान में अचानक हलचल हुई, हमें लगा कुछ तकनीकी दिक्कत है। लेकिन पायलट और क्रू ने बहुत संयमित ढंग से स्थिति को संभाला।”
एक दिन पहले भी फ्लाइट में आई थी तकनीकी दिक्कत
AI180 की घटना से ठीक एक दिन पहले, एयर इंडिया की एक अन्य घरेलू फ्लाइट को तकनीकी खराबी के कारण रनवे से वापस लौटना पड़ा। इससे यह सवाल और गहरा होता है कि क्या एयर इंडिया अपने विमानों का ठीक से रखरखाव नहीं कर रही है?
Dreamliner क्रैश की पृष्ठभूमि में नया तनाव
कुछ ही हफ्ते पहले, एयर इंडिया के एक Dreamliner विमान की अहमदाबाद में क्रैश लैंडिंग हुई थी, जिसमें 270 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया और विमानन सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।
इस पृष्ठभूमि में, अब हर एक तकनीकी खराबी को गंभीर रूप से देखा जा रहा है, क्योंकि यात्री पहले से ही डरे हुए हैं।
DGCA की निगरानी और प्रतिक्रिया
DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने फ्लाइट AI180 की घटना के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी है। अधिकारी अब यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इंजन की गड़बड़ी पूर्व जांच में नजरअंदाज की गई थी, या यह अचानक हुई तकनीकी असफलता थी।
साथ ही, DGCA ने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि वे अपने पूरे बेड़े की तकनीकी ऑडिट करें और जरूरी हो तो प्रभावित मॉडलों को कुछ समय के लिए ग्राउंड कर दें।
क्या कह रहे हैं विमानन विशेषज्ञ?
उड्डयन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि:
“इस तरह की घटनाएं या तो रखरखाव की लापरवाही, पुर्जों की गुणवत्ता, या पूर्वानुमान पर आधारित सुरक्षा जांच की विफलता का नतीजा हो सकती हैं।”
वे मानते हैं कि तकनीकी खराबी होना असामान्य नहीं है, लेकिन अगर वो बार-बार हो, तो इसका मतलब है कि सिस्टम में खामी है।
यात्रियों का भरोसा डगमगा रहा है?
एयर इंडिया पिछले कुछ वर्षों में Tata Group के अधिग्रहण के बाद सुधार की दिशा में काम कर रही है, लेकिन ऐसी घटनाएं इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर यात्री अब सवाल पूछने लगे हैं:
“क्या हमारी उड़ानें अब उतनी सुरक्षित नहीं रहीं?”
“क्या हम बुकिंग करने से पहले एयरलाइन का ट्रैक रिकॉर्ड देखना शुरू कर दें?”
चेतावनी की घंटी
Air India की लगातार हो रही तकनीकी खराबियाँ केवल एक कंपनी की विफलता नहीं, बल्कि पूरे उड्डयन क्षेत्र के लिए चेतावनी हैं। यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
DGCA और एयर इंडिया दोनों को मिलकर यह साबित करना होगा कि वे यात्रियों की सुरक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं, वरना न केवल उनकी साख, बल्कि आने वाले टिकटों की बुकिंग भी प्रभावित हो सकती है।