रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक गंभीर सुरक्षा चूक का मामला सामने आया है। शहर के टिकरापारा थाना क्षेत्र स्थित धर्म नगर इलाके में पुलिस ने एक Bangladeshi दंपति को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड, मार्कशीट, मोबाइल सिम और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
इस कार्रवाई ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि खुफिया एजेंसियों को भी चौकन्ना कर दिया है, क्योंकि यह मामला अंतरराष्ट्रीय घुसपैठ और जाली दस्तावेजों के जरिये भारतीय पहचान प्राप्त करने की एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है।
कौन हैं आरोपी?
गिरफ्तार मुख्य आरोपी की पहचान दिलावर खान के रूप में हुई है, जो मूलतः बांग्लादेश का निवासी है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह पिछले 16 वर्षों से भारत के विभिन्न हिस्सों में घूम रहा था, लेकिन पिछले एक वर्ष से रायपुर के धर्म नगर इलाके में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि आरोपी खुद को भारतीय नागरिक के तौर पर पेश कर रहा था और उसके पास भारतीय दस्तावेज मौजूद थे।
क्या मिला आरोपियों के पास?
टिकरापारा पुलिस ने आरोपियों के पास से जो दस्तावेज बरामद किए हैं, उनमें शामिल हैं:
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फर्जी पासपोर्ट
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फर्जी आधार कार्ड
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नकली मार्कशीट (कक्षा 8वीं)
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कई भारतीय मोबाइल सिम कार्ड
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भारत में निवास के फर्जी प्रमाण
जांच के दौरान बरामद मार्कशीट में उसकी उम्र 35 वर्ष दर्ज पाई गई, जो उसकी मौजूदा पहचान से मेल नहीं खाती।
पूछताछ में हुए बड़े खुलासे
पूछताछ के दौरान जब पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो आरोपी ने अंततः अपनी असली पहचान स्वीकार कर ली।
पुलिस ने जब उसके मोबाइल और कॉल डिटेल्स खंगाले, तो यह भी सामने आया कि वह बांग्लादेश में रहने वाले कई लोगों के संपर्क में था।
यह कड़ी अब सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि यह मामला अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और अवैध गतिविधियों से भी जुड़ा हो सकता है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पत्नी और अन्य सहयोगियों से पूछताछ जारी है। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी ने रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेज बनवाकर अन्य बांग्लादेशियों को भी शरण दिलाने में मदद की हो सकती है। इस पूरे मामले की सूचना स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी दे दी गई है।
पुलिस का बयान
टिकरापारा थाना प्रभारी ने बताया,
“आरोपी लंबे समय से भारत में अवैध रूप से रह रहा था और खुद को भारतीय नागरिक बताकर धोखाधड़ी कर रहा था। दस्तावेज़ों की गहराई से जांच की जा रही है और उसके नेटवर्क का पता लगाने के लिए प्रयास जारी हैं।”