नई दिल्ली । पश्चिम एशिया में ईरान और इज़राइल के बीच तेजी से उभरते संघर्ष ने दुनिया की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इज़राइल द्वारा ईरान के प्रमुख परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump ने बेहद सख्त और आक्रामक लहजे में ईरान को अंतिम चेतावनी दी है।
Trump ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से पोस्ट करते हुए कहा कि ईरान ने समय रहते परमाणु समझौता नहीं किया और अब जो हो रहा है, वह सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने साफ कहा कि, “कुछ लोग बहुत बहादुर बन रहे थे, वे अब मारे जा चुके हैं।”
इज़राइल का जोरदार हमला, बड़ी संख्या में वैज्ञानिक और सैन्य कमांडर ढेर
शुक्रवार सुबह इज़राइली वायुसेना ने ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इसमें नतांज स्थित परमाणु संयंत्र और तेहरान के पास के मिलिट्री बेस भी शामिल थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में 20 से अधिक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। हमले में जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे ईरान के रणनीतिक रक्षा तंत्र के केंद्र माने जाते हैं।
ईरान का पलटवार, ड्रोन से हमला
इस हमले के कुछ घंटों के भीतर, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की और 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल की ओर भेजे। हालांकि इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) का दावा है कि उसने सभी ड्रोन को नष्ट कर दिया और कोई भी ड्रोन इज़राइली सीमा में घुस नहीं पाया।
ट्रंप का तीखा बयान: ‘डील करो वरना सब खत्म हो जाएगा’
इस पूरे घटनाक्रम के बीच Trump का बयान सामने आया जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। उन्होंने लिखा:
“मैंने ईरान को बार-बार डील का मौका दिया, उन्हें चेताया कि अमेरिका के पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैन्य ताकत है और इज़राइल हथियारों के सही इस्तेमाल में माहिर है। ईरान को यह बात समझनी चाहिए थी।”
उन्होंने आगे लिखा कि जो नेता खुद को बहादुर साबित करने में लगे थे, वे अब इस संघर्ष की पहली भेंट चढ़ चुके हैं। ट्रंप का दावा है कि ये मौतें सिर्फ शुरुआत हैं, और अगर ईरान ने समझौता नहीं किया तो आगे और ज्यादा विनाशकारी कार्रवाई की जाएगी।
‘ईरानी साम्राज्य’ मिट सकता है: ट्रंप
अपने बयान में Trump ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर ईरान ने अब भी होश नहीं संभाला, तो जो कभी ‘ईरानी साम्राज्य’ के नाम से जाना जाता था, वह पूरी तरह मिट सकता है। अब भी समय है कि यह नरसंहार रोका जाए। कोई और मौत नहीं, कोई और तबाही नहीं। समझौता कर लो, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।”
इस तरह का तीखा और सीधे शब्दों में दिया गया बयान अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में बेहद असाधारण माना जा रहा है।
इज़राइली प्रधानमंत्री का बड़ा बयान: पूर्ण युद्ध के लिए तैयार
इस बीच इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रूस की TASS न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनका देश ईरान के साथ पूर्ण युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि इज़राइली रक्षा बल इस युद्ध को हफ्तों तक लड़ने के लिए तैयार हैं, और इसकी तीव्रता परिस्थितियों के अनुसार बढ़ सकती है।
Sky News Arabia और Shafaqna समाचार एजेंसी के अनुसार, नेतन्याहू ने संकेत दिए कि यदि ईरान किसी और जवाबी कार्रवाई की कोशिश करता है, तो इज़राइल और अधिक कठोर कदम उठाएगा।
विश्लेषण: विश्व युद्ध की आहट या सामरिक दबाव की नीति?
Trump का यह बयान केवल ईरान को धमकी नहीं, बल्कि एक सामरिक दबाव की रणनीति भी माना जा सकता है। ट्रंप ने पहले भी अपनी विदेश नीति में ‘Peace Through Strength’ यानी ताकत के ज़रिए शांति की बात की थी। लेकिन इस बार उनका बयान अप्रत्याशित रूप से तीखा और स्पष्ट है।
राजनयिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बयान से न केवल मध्य पूर्व में तनाव बढ़ेगा, बल्कि यह अमेरिका की मौजूदा सरकार पर भी दबाव डालेगा कि वह इस स्थिति पर स्पष्ट रुख अपनाए।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
UN और यूरोपीय संघ सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। हालांकि अब तक किसी भी पक्ष ने पीछे हटने का संकेत नहीं दिया है। कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान और इज़राइल की यात्रा से परहेज़ करने की सलाह दी है।
कूटनीति या युद्ध – आगे क्या?
ईरान और इज़राइल के बीच यह ताज़ा टकराव ना सिर्फ क्षेत्रीय संकट है, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बन चुका है। ट्रंप के बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है। अब पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या ईरान समझौते की ओर कदम बढ़ाएगा या युद्ध के बादल और घने होंगे।
“अगर युद्ध शुरू हो गया, तो जीत-हार मायने नहीं रखेगी, सिर्फ बर्बादी होगी।” — यही संदेश आज की स्थिति का सबसे सटीक वर्णन करता है।