नई दिल्ली । भारत में जून की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम(Weather) विभाग (IMD) ने 6 जून 2025 के लिए देश के 10 से ज्यादा राज्यों में लू (Heatwave) का अलर्ट जारी किया है। वहीं दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बादल राहत की फुहार लेकर आए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आज धुंधली धूप के बीच अधिकतम तापमान 38–39°C तक पहुंचने की संभावना है, वहीं न्यूनतम तापमान 29–30°C के आसपास रहने का अनुमान है । गर्मी के बीच समुंदर जैसी उमस और स्थितिरूपी गर्म रहा है। ऐसे मौसम में निकालने पर थकान या घबराहट की संभावना रहती है, इसीलिए दिन के समय पानी पिएं, हल्के कपड़े पहनें और सूरज की तेज़ किरणों से बचें।
समीपवर्ती राज्यों में मानसूनी सक्रियता
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उत्तर-पूर्वी भारत: IMD ने असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम जैसे राज्यों में “भारी से अति-भारी बारिश” का अनुमान जताया है . इन राज्यों में ट्रैफिक जाम, भू-स्खलन और बाढ़ जैसे आपात हालात बने रहने की पूरी संभावना है।
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बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर: इन क्षेत्रों में गर्जन-चमक और तेज हवा की चेतावनी जारी है /खतरनाक मौसम के चलते लोगों से सतर्क रहने का निर्देश है।
अगले तीन दिन: मौसम(Weather) में बदलाव
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दिल्ली–एनसीआर: अगले दो-तीन दिन तक तेज हवाओं के साथ बादल-छलकेला मौसम (Weather)बना रहेगा। हवाओं की तेज़ी 40–50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है, जिसके साथ चक्रवातिक बारिश भी बनी रह सकती है
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ग्रीटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद: “येलो अलर्ट” क्षेत्र घोषित किए जा सकते हैं, क्योंकि इन जगहों पर डस्ट स्टॉर्म्स, प्रकाश पतन और मनमर्जी हवाएं बन सकती हैं, जिन्हें IMD ने अलर्ट किया है
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गुड़गांव: पिछले दिनों 3–3.5 डिग्री तापमान में गिरावट आई थी, जिससे राहत मिली, लेकिन अभी मौसम में अधिक उथल-पुथल रहेगी और बिजली और पानी जैसे संसाधनों पर दबाव बनाए रखेगा
चेतावनी और सुरक्षा सुझाव
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गुड़गांव एवं दिल्ली-एनसीआर: IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें नागरिकों को बारिश-चमक और तेज़ हवाओं से सचेत रहने को कहा गया है
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उत्तरी भारत (बिहार, यूपी): तेज हवाओं, आंधियों और आकाशीय घटनाओं के मद्देनजर, सभी को बाहरी गतिविधियां टालने की सलाह दी गई है।
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उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी बारिश: प्रशासन से निवेदन कि ट्रैफ़िक कंट्रोल, जल निकासी व्यवस्था और आपातकालीन बचाव टीमों को सक्रिय रखें।
मानसून की शुरुआत: देश में कवरेज बढ़ेगी
1–2 जून को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में प्रवेश कर चुका मानसून अब धीरे-धीरे दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राज्यों में पहुंच रहा है. इससे किसानों को फसल के लिए बहुत ज़रूरी पानी मिलेगा, लेकिन साथ ही पूरा मॉनसून सीज़न उथल-पुथल का रहेगा।
राष्ट्रीय मौसम प्रणाली में सुधार
सरकारी “भारत फोरकास्टिंग सिस्टम (BFS)” अब देशभर के मौसम(Weather) को 6 किलोमीटर ग्रिड-परिशुद्धता के साथ मॉनिटर कर रहा है, जिससे अत्यधिक मौसम घटनाओं—जैसे तूफ़ान, बिगड़ते मानसून का सही अनुमान आदि—का पूर्वानुमान बेहतर होगा
प्रभाव: रोजमर्रा की जिंदगी पर असर
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ख़राब सफर: तेज़ हवाओं और बारिश की संभावनाओं के कारण सड़क और रेल मार्ग पर रुकावट की आशंका
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विद्युत-संकट: गरमी में एयर कंडीशनिंग, कूलर आदि के कारण बिजली की माँग बढ़ेगी—दबाव या अस्थायी ब्लैकआउट की संभावना
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पानी का प्रबंधन: मानसूनी बारिश निर्माण कार्यों और जलापूर्ति के लिए मददगार, लेकिन शहरों में जल भराव से और समस्या भी बढ़ सकती है
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स्वास्थ्य संबंधी संकेत: उमस और बदलती परिस्थितियों से डिहाइड्रेशन, थकान और सांस संबंधी रोग सम्भव
क्या ध्यान रखें नागरिक?
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शरीर को ठंडा रखें, पानी पीते रहें, बाहर निकलते समय छाता-टॉप पहनें
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बारिश का इंतज़ार, बाहर गतिविधियाँ स्थगित करें
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खतरे के समय घूंघट या सुरक्षित ठिकानों में रहें
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आपातकाल फोन और सेवाएँ (जीवन रक्षक, बिजली सपोर्ट, वाटर सप्लाई) अपने पास रखें
एमआईडी और विशेषज्ञों की राय
IMD के वैज्ञानिक:
“BFS ने मौसम पूर्वानुमानों को उल्लेखनीय रूप से तेज और सटीक बना दिया है, जिससे जनता को समय रहते सचेत किया जा सकता है।”
मौसम एडवाइज़री विशेषज्ञ:
“गर्म मौसम के साथ उमस भी बढ़ेगी। दिल्ली, गुड़गांव और अन्य बेसिक सुविधाओं वाले शहरों में ‘ओवरड्राफ्ट’ के प्रभाव को नियंत्रित रखना जरूरी है।”