नई दिल्ली | भारत में CORONA का एक बार फिर से खतरा मंडराने लगा है। शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। केवल 24 घंटे में देशभर में CORONA के कारण 9 लोगों की मौत दर्ज की गई है। इसके साथ ही नए संक्रमणों की संख्या भी बढ़ रही है। कोविड का नया वैरिएंट, जो कई राज्यों में सक्रिय है, अब धीरे-धीरे जानलेवा रूप लेने लगा है।
महाराष्ट्र और केरल सबसे अधिक प्रभावित
शनिवार को जिन 9 मौतों की पुष्टि हुई है, उनमें महाराष्ट्र में 4 और केरल में 3 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में मरने वालों में शामिल हैं:
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79 वर्षीय पुरुष, जिन्हें शुगर की बीमारी थी
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85 वर्षीय बुजुर्ग, जिन्हें किडनी संबंधी समस्या थी
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55 वर्षीय व्यक्ति
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34 वर्षीय युवा, जिनकी पहले से हालत खराब थी
सभी की पूर्व-बीमारियों के चलते कोविड संक्रमण ज्यादा घातक बन गया और वे बच नहीं सके।
केरल में जिन तीन लोगों की मौत हुई, उनकी मेडिकल हिस्ट्री सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इन सभी में कॉमरेबिड कंडीशन्स (पूर्व की गंभीर बीमारियां) थीं।
राजस्थान और तमिलनाडु में भी बुजुर्गों की मौत
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राजस्थान में 70 साल की महिला की कोविड संक्रमण के चलते मौत हुई।
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तमिलनाडु में 73 वर्षीय बुजुर्ग, जो कई बीमारियों से पीड़ित थे, ने दम तोड़ दिया।
इन दोनों मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना का नया वैरिएंट खासकर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए बेहद खतरनाक होता जा रहा है।
देश में नए कोविड केस: 24 घंटे में 269 नए मरीज
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देश में कोविड के 269 नए मामले दर्ज हुए हैं। कर्नाटक सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 132 नए केस सामने आए।
अन्य राज्यों की स्थिति इस प्रकार है:
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गुजरात – 79 केस
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केरल – 54 केस
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मध्य प्रदेश – 20
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तमिलनाडु – 12
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सिक्किम – 11
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हरियाणा – 9
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छत्तीसगढ़ – 8
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राजस्थान – 7
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असम – 6
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बिहार – 5
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मणिपुर – 3
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ओडिशा, त्रिपुरा, गोवा – 2-2 केस
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झारखंड, उत्तराखंड – 1-1 केस
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि संक्रमण का दायरा एक बार फिर देशव्यापी हो रहा है।
नए वैरिएंट के एक्टिव केस – राज्यवार विवरण
भारत में इस समय जो नया वैरिएंट सक्रिय है, उसके एक्टिव केस कई राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक के प्रमुख आंकड़े निम्नलिखित हैं:
राज्य | एक्टिव केस (नया वैरिएंट) |
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केरल | 2109 |
गुजरात | 1437 |
पश्चिम बंगाल | 747 |
दिल्ली | 672 |
महाराष्ट्र | 613 |
कर्नाटक | 527 |
उत्तर प्रदेश | 248 |
तमिलनाडु | 232 |
राजस्थान | 180 |
आंध्र प्रदेश | 102 |
केरल, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में विशेष निगरानी की आवश्यकता है, क्योंकि वहाँ एक्टिव केसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
कौन सा है यह नया वैरिएंट?
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वैरिएंट का आधिकारिक नाम साझा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह JN.1 या KP-2 जैसी उप-प्रजातियों से जुड़ा हो सकता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की निगरानी सूची में हैं।
इन वैरिएंट्स में प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
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तेज बुखार
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सूखी खांसी
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सांस की तकलीफ
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कमजोरी और थकान
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गले में खराश
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शरीर में दर्द
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह नया वैरिएंट पहले से अधिक संक्रामक है या नहीं, लेकिन मृत्यु दर और गंभीर मामलों में वृद्धि इसकी घातकता की ओर इशारा कर रही है।
सरकार की तैयारी और चेतावनी
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने सतर्कता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि:
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अस्पतालों में ICU और ऑक्सीजन बेड की तैयारी सुनिश्चित की जाए
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RT-PCR टेस्टिंग बढ़ाई जाए
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कोविड निगरानी तंत्र को फिर से सक्रिय किया जाए
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बुजुर्गों और गंभीर रोगियों पर विशेष निगरानी रखी जाए
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों से अपील की है कि वे ‘टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और वैक्सीनेट’ की रणनीति को फिर से लागू करें।
क्या बूस्टर डोज की फिर से जरूरत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों को बूस्टर डोज लिए एक साल या उससे अधिक हो गया है, वे ज्यादा जोखिम में हैं। खासकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए फिर से टीकाकरण अभियान शुरू करना आवश्यक हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है कि क्या फार्मा कंपनियों को नए वैरिएंट के खिलाफ अपडेटेड वैक्सीन बनाने की अनुमति दी जाए।
लोगों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जनता के लिए आवश्यक सावधानियां इस प्रकार हैं:
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भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
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बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का प्रयोग करें
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अगर हल्के लक्षण भी हैं तो तुरंत जांच करवाएं
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खुद को आइसोलेट करें और डॉक्टर की सलाह लें
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कोविड टीकाकरण की स्थिति अपडेट रखें
खतरा टला नहीं, सतर्कता ही सुरक्षा
कोविड-19 भले ही हमारे जीवन से बाहर जा चुका महसूस हो, लेकिन यह महामारी कभी भी लौट सकती है, और वो भी नए, अधिक घातक स्वरूप में। भारत में हाल की मौतें और केस वृद्धि यह संकेत देती है कि हमें फिर से सतर्क और सजग होना होगा।
सरकार भले ही तैयार हो, लेकिन असली जिम्मेदारी आम जनता की है, जो व्यक्तिगत स्तर पर सावधानियों को अपनाकर इस संक्रमण की चेन को तोड़ सकती है।